दिपांशु जैन, UJJAIN. उज्जैन की घट्टिया तहसील के ग्राम बिछड़ौद में मध्यप्रदेश की सरकार नल-जल योजना का काम इतनी लापरवाही हुई कि छह माह का काम दो साल में भी पूरा नहीं हो सका है। ग्रामीणों को दो किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाना पड़ रहा है। परेशान ग्रामीण शनिवार को उज्जैन कलेक्टर से मिले और अपनी समस्या बताई। जिसके बाद प्रशासन के अफसर घट्टिया पहुंचे और ठेकेदार और इंजीनियर का जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए।
अफसर लगा रहे योजना को पलीता
नर्मदा नल-जल योजना, सीएम शिवराज सिंह चौहान की महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल है। जिसके तहत हर गांव में ग्रीमाणों के घर में नल से पानी पहुंचाने की व्यवस्था करना है। इसकी सप्लाई नर्मदा के जल से होना है, लेकिन घट्टिया तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बिछड़ौद में योजना को जिम्मेदार अफसर और ठेकेदार मिलकर पलीता लगा रहे हैं। इसका प्रमाण है कि योजना का काम छह माह में पूरा होना था, जो दो साल में भी नहीं हुआ है। मजबूरन ग्रामीणों को दो किलोमीटर तक से पीने के पानी की जुगाड़ करनी पड़ रही है। गांव में नल-जल योजना के तहत 1 करोड़ 35 लाख रुपए में काम होना है।
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कलेक्टर के निर्देश पर गांव पहुंचे अफसर
पीने का पानी नहीं मिलने से परेशान ग्रामीणों में आक्रोश है। जिसके चलते शनिवार को ग्रामीण, ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि मुकेश चांदना के साथ उज्जैन पहुंचकर कलेक्टर से शिकायत की। जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम घट्टिया संजीव साहू, तहसीलदार देवकुंवर सोलंकी, जनपद पंचायत की सीईओ विष्णुकांता गुप्ता सहित अन्य पीएचई विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर ग्राम बिछड़ौद पहुंचे। जहां नल- जल योजना की पुरानी और नवनिर्मित टंकियों, खनन बोरिंगों और योजना की बिछाई गई पाइप लाइन का निरीक्षण करते हुए जल्द कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।