Dindori. डिंडोरी में जनजातीय कार्य विभाग में हुए 5 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए भोपाल से 4 सदस्यीय टीम डिंडोरी पहुंची है। जनजातीय कार्य विभाग के अपर संचालक डीएस परमार की अगुवाई में दिन भर टीम के सदस्यों ने अनियमितता से संबंधित दस्तावेज खंगाले। बता दें कि तत्कालीन सहायक आयुक्त रहे अमर सिंह उईके के कार्यकाल में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं की स्कॉलरशिप में 5 करोड़ से ज्यादा का घोटाला उजागर हुआ था।
चहेतों के खातों में डाली थी रकम
बताया जाता है कि तत्कालीन सहायक आयुक्त अमर सिंह उईके ने अपने चहेतों के खाते में छात्रवृत्ति की रकम डालकर बड़ी अनियमितता को अंजाम दिया था। उस वक्त इस मामले में काफी हो हल्ला भी मचा था लेकिन बाद में धीरे-धीरे मामला ठंडा पड़ गया। इतने बड़े घोटाले में हर बार हर स्तर पर जांच हुई लेकिन किसी भी जांच में कोई नतीजा सामने नहीं आ पाया।
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लोकायुक्त में दर्ज है केस
छात्रवृत्ति घोटाले का यह मामला लोकायुक्त में भी दर्ज है। गौरतलब है कि लोकायुक्त में यह प्रकरण लंबित है, जांच भी चल रही है। जांच टीम में जनजाति कार्य विभाग के लेखा अधिकारी अशोक चौहान समेत दो अन्य वरिष्ठ अधिकारी साथ में डिंडोरी पहुंचे हैं। जांच का सिलसिला लगातार जारी है। जरूरतमंद आदिवसी और हरिजन वर्ग के स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप का बड़ा घोटाला जांच में ही अटका दिया गया था।
कर्मचारियों में मचा हड़कंप
इस मामले की जांच के लिए जिला स्तर पर शहपुरा एसडीएम काजल जावला की अगुवाई में जांच टीम भी बनाई गई थी। उस जांच में भी अनियमितता सामने आई थी। जिसके बाद भोपाल से जांच टीम भेजी गई, जिसकी आमद से विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति देखी जा रही है। कार्यालय में समस्त कर्मचारी जांच टीम की उपस्थिति में तनाव में दिखाई दिए। भागमभाग के हालात भी देखने को मिले।