मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष-सचिव निगम के नोटिस को हिंदू भावनाएं भड़काने वाला बताते हैं, गैर-इरादतन हत्या का केस; निगम अधिकारी सस्पेंड

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Rahul Garhwal
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मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष-सचिव निगम के नोटिस को हिंदू भावनाएं भड़काने वाला बताते हैं, गैर-इरादतन हत्या का केस; निगम अधिकारी सस्पेंड

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी हादसे में 36 मौतों के बाद सिस्टम की ओर से कागजी खानापूर्ति शुरू हो गई है। ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी पर गैर-इरादतन हत्या की धारा में केस दर्ज हो गया है। वहीं महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जोन के बिल्डिंग ऑफिसर और इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान दोषियों को नहीं बख्शे जाने की बात कह चुके हैं।



ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव पर गैर-इरादतन हत्या का केस



जिन गलानी और सबनानी पर गैर-इरादतन हत्या का केस हुआ है, उन्होंने 25 अप्रैल 2022 को निगम के नोटिस का जवाब जो दिया था, वो चौंकाने वाला है। उन्होंने अपने जवाब में लिखा था कि ये नोटिस हिंदू भावनाओं को भड़काने वाला है। इसे रद्द कर मंदिर के जीर्णोद्धार काम में सहयोग करने की कृपा करें। हालांकि इस जवाब को निगम ने मान्य नहीं करते हुए 30 जनवरी 2023 को अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया, लेकिन ये कागजी था और बीजेपी नेताओं के रसूख के चलते फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, जो 36 मौतों के बाद ही बाहर आया। इस मामले में रहवासी खुलकर बीजेपी नेताओं पर संरक्षण देने, सांसद शंकर लालवानी द्वारा रसूख का उपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं।



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मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव का चौंकाने वाला जवाब



ट्रस्ट द्वारा जो बावड़ी बंद पड़ी है, उसे खोलने, जीर्णोद्धार का काम किया जा रहा है। इसेस पर्याप्त जल उपलब्ध हो सकेगा। बगीचे में सुंदर मंदिर के साथ पीने का पानी मिल सकेगा। मंदिर के जीर्णोद्धार के संबंध में गलत जानकारी देकर नोटिस जारी कराया गया है। ये नोटिस हिंदू धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ है, साथ ही साथ ही हिंदू भावनाएं भड़काने वाला है। इससे आसपास के रहवासी और हिंदुओं में अशांति और भय का वातारण उतपन्न हो गया है, जिससे धार्मिक भावनाएं भड़कने की आशंका है। हिंदू की भावनाएं को देखते हुए जनहित में मंदिर के जीर्णोद्धार के काम में बाधा नहीं पहुंचाकर उन्माद को फैलने से रोकने का काम करते हुए भेजे गए सूचना पत्र को नस्तीबद्ध कर सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें।



7242 करोड़ का निगम का बजट, क्या रस्सी, मोटर नहीं है?



इंदौर नगर निगम देश में सफाई में सिरमौर है, बजट 7242 करोड़ है, लेकिन हद तो तब हो गई जब रेस्क्यू के लिए संसाधन ही नहीं मिले। ना रस्सियां पर्याप्त थी, ना ही पानी निकालने के लिए मोटर समय पर पहुंची। कई लोग वहां ये कहते हुए मिले कि कोई संसाधन चाहिए तो बता दीजिए हम बुलवा लेते हैं। पानी निकालने का काम देर शाम जाकर शुरू हुआ, जब तक बाकी लोग जिंदगी की जंग हार चुके थे।



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जिम्मेदार अधिकारी केवल सोचते रहे, कोई प्लानिंग नहीं थी



इस पूरे घटनाक्रम में अधिकारयों की कार्य शैली पर सवाल खड़े हो गए हैं, चाहे वे पुलिस कमिशनर मकरंद देऊस्कर हो, संभागायुक्त पवन शर्मा, डीआईजी मनीष कपूरिया, कलेक्टर इलैयाराजा टी, निगमायुक्त प्रतिभा पाल हो। एनडीआरएफ बुलाने के लिए दोपहर में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी कहा, लेकिन अधिकारी सोचते ही रहे। आर्मी बुलाने के लिए कहा गया, लेकिन फिर अधिकारी सोचते ही रहे। इन सभी द्वारा देरी से लिए गए फैसले और रेस्क्यू टीम के पास संसाधन नहीं होने का खामियाजा 36 मौतों के रूप में सामने आया।


इंदौर में मंदिर बावड़ी हादसा Temple Bawdi accident in Indore notice to President-Secretary of Temple Trust statement of President-Secretary case of culpable homicide on President-Secretary corporation officer suspended मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष-सचिव को नोटिस अध्यक्ष-सचिव का बयान हिंदू भावनाए भड़काने वाला नोटिस अध्यक्ष-सचिव पर गैर-इरादतन हत्या का केस