Jabalpur. जबलपुर के शहपुरा में बीते दिनों स्वास्थ्य केंद्र की खामियों को उजागर करने वाला वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें अस्पताल के बेड पर आवारा कुत्तों का कब्जा दिखाई दे रहा था। मामले को मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया तो तत्काल कार्रवाई हुई है। हालांकि सीएमएचओ द्वारा गठित जांच टीम की रिपोर्ट में महज सुरक्षा गार्ड को दोषी पाया गया, जिसे पद से हटा दिया गया है। हालांकि अस्पताल से नदारद चिकित्सा स्टाफ को जांच में क्लीयरेंस दे दी गई।
करीब 15 दिन पूर्व शहपुरा स्वास्थ्य केंद्र का यह वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वीडियो बनाने वाले ने अस्पताल में चिकित्सक न मिलने और स्टाफ की गैरमौजूदगी के आरोप लगाए थे। वहीं अस्पताल के बेड्स पर आवारा कुत्तों की धमाचौकड़ी होती दिख रही थी। जिसके बाद कलेक्टर ने सीएमएचओ को मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे। सीएमएचओ ने जांच टीम गठित की थी जिसने अपनी रिपोर्ट में सुरक्षा गार्ड को लापरवाह माना। जिसे पद से हटाने की कार्रवाई की गई है।
मानवाधिकार आयोग ने भी लिया था संज्ञान
कुछ दिनों पहले मानवाधिकार आयोग ने भी मामले को लेकर संज्ञान लिया था और स्वास्थ्य अधिकारियों से जवाब मांगा था। सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि जांच कमेटी द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद ही गार्ड को हटाया जा चुका है। हालांकि जांच में केवल सुरक्षा गार्ड को कठघरे में खड़ा कर बाकी स्टाफ को क्लीनचिट दिया जाना भी कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है।
सीएम हेल्पलाइन में भी की थी शिकायत
शहपुरा निवासी सिद्धार्थ ने अपनी गर्भवती पत्नी को तकलीफ होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में दिखाया था। जहां रात में केवल एक नर्स मौजूद थी, देर रात अस्प्ताल के बिस्तरों पर आवारा श्वान धमाचौकड़ी मचाते दिख रहे थे। नर्स ने भी प्राथमिक उपचार देकर सुबह होने का इंतजार करने की बात कहते हुए मरीज को भर्ती कर लिया था। शिकायतकर्ता ने इस बात की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की थी।