Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच के निर्देश पर सीबीआई की टीम ने जबलपुर में आमद दर्ज कराई और नर्सिंग कॉलेजों की पड़ताल शुरू कर दी है। मामला नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता के फर्जीवाड़े से जुड़ा है। 6 सदस्यीय टीम ने पहले चिन्हित नर्सिंग कॉलेजों के सेट-अप का मुआयना किया और फिर दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है। टीम ने सबसे पहले लेडी एल्गिन अस्पताल के पीछे स्थित शासकीय रानी दुर्गावती नर्सिंग कॉलेज पहुंचकर जांच शुरू की।
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हर एक पहलू की हो रही पड़ताल
सीबीआई की टीम ने कॉलेज में मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टाफ की जांच की जिसके बाद दो घंटे तक दस्तावेजों को खंगाला और फिर अपनी रिपोर्ट तैयार की। इस दौरान कॉलेज अधीक्षक से भी पूछताछ का सिलसिला चला। सीबीआई की फेहरिस्त काफी लंबी हो सकती है। उम्मीद है कि आज और भी कई नर्सिंग कॉलेजों में सीबीआई की टीम पहुंचकर जांच पड़ताल करे।
पनागर स्वास्थ्य केंद्र भी पहुंची टीम
इसके अलावा सीबीआई की टीम ने पनागर स्थित स्वास्थ्य केंद्र भी पहुंची और पूछताछ के साथ-साथ दस्तावेज खंगाले। दरअसल टीम को 12 मई तक हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। ग्वालियर खंडपीठ ने ही सत्र 2020-21 में मान्यता पाने वाले नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी है।
बता दें कि फर्जी फैकल्टी और तमाम सुविधाओं से रहित होते हुए भी जबलपुर और प्रदेश के कई नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता प्रदान कर दी गई थी। इस मिलीभगत के खिलाफ मामले को हाईकोर्ट के सामने रखा गया था। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सीबीआई से पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश दिए थे।
इन बिंदुओं पर जांच हो रही
छात्रों की फीस कब जमा की गई। फीस एक साथ तो जमा नहीं हुई। उपस्थिति पंजी में कितनी निरंतरता है। जिन नर्सिंग विद्यार्थियों ने अस्पताल में प्रशिक्षण लिया है, जिसका रिकार्ड है कि नहीं। प्रशिक्षण विद्यार्थियों को किस माड्यूल में दिया गया है। किस बैच में कितने छात्र हैं। इन बिंदुओं के आधार पर बड़े खुलासे की चर्चाएं जोर पकड़ी हुई हैं।