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Gwalior. ग्वालियर में सीएम के आगमन पर उनका घेराव करने वाली जिन 25 आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया गया था, अब उन पर कार्रवाई की गाज गिरी है। ग्वालियर के सीएमएचओ ने उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। 16 अप्रैल को इन कार्यकर्ताओं ने बीआर अंबेडकर महाकुंभ में शामिल होने आए सीएम शिवराज सिंह चौहान का घेराव किया था।
बता दें कि ग्वालियर के फूलबाग चौराहे पर अपनी मांगों को लेकर आशा ऊषा कार्यकर्ता धरना दे रही हैं। उनकी प्रमुख मांगें आशा कार्यकर्ता को 10 हजार और ऊषा कार्यकर्ता को 15 हजार रुपए मानदेय देने की है। हालांकि सीएम का घेराव करने का कदम उन आशा ऊषा कार्यकर्ताओं को भारी पड़ा है जिनके खिलाफ पुलिस ने नामजद मामला दर्ज किया था।
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सीएम से करना चाहती थीं मुलाकात
आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर सीएम से मुलाकात करना चाहती थीं। लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी। जिसके बाद गुस्साई आशा ऊषा कार्यकर्ताओं ने सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। जिसके बाद पुलिस ने उन पर हल्का बल प्रयोग किया था, इस दौरान कई कार्यकर्ता तो मौके से गायब हो गई थीं लेकिन 25 वर्कर्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
स्वास्थ्य और महिला एवं बालविकास विभाग के लिए ग्रासरूट लेवल पर आशा और ऊषा कार्यकर्ता काम करती हैं। इसके एवज में उन्हें 2 हजार रुपए प्रतिमाह का मानदेय ही मिलता है। जबकि सरकार की विभिन्न योजनाओं में क्षेत्र दर क्षेत्र जाकर वे ही लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने का काम करती हैं। इस कार्रवाई के बाद आशा ऊषा कार्यकर्ता सकते में हैं।