Seoni. सिवनी के जिला अस्पताल में एंटीबायोटिक का इंजेक्शन दिए जाने के बाद एक के बाद एक 14 बच्चों की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। सभी बच्चों को उल्टी-दस्त और कंपकंपी के साथ बुखार भी आ गया। बच्चों की हालत बिगड़ती देख परिजन अस्पताल स्टाफ और फिर अधिकारियों के पास जा पहुंचे। घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सिविल सर्जन मौके पर पहुंचे और पीडियाट्रिक स्पेशलिस्ट को बुलवाकर इलाज कराया गया। बहरहाल बच्चों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
3 बच्चे पीआईसीयू में भर्ती
सिविल सर्जन डॉ विनोद नावलेकर ने बताया कि इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद ही वार्ड में भर्ती 14 बच्चों की हालत बिगड़ गई। उनके परिजन बता रहे थे कि इंजेक्शन लगने के बाद बच्चों को तेज ठंड लगने लगी, उल्टियां हुईं और बुखार भी आ गया। बेचैनी की वजह से बच्चे रोने भी लगे। 3 बच्चों की हालत ज्यादा खराब होने की वजह से उन्हें पीआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है। हालांकि सभी की हालत में सुधार है। इस मामले की जांच की बात सिविल सर्जन ने कही।
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आईफ्लूड में मिल चुकी है शिकायत
इससे पहले शासकीय अस्पतालों में लगने वाली आईवी फ्लूड में फंगस पाए जाने का मामला काफी गर्माया था। उस दौरान उक्त कंपनी की आईवी फ्लूड लगने के बाद भी मरीजों को उल्टी-दस्त, कंपकंपी और बुखार के लक्षण देखे जा रहे थे। ऐसे में सिवनी जिला अस्पताल में लगाया गया एंटीबायोटिक इंजेक्शन भी संदेह के घेरे में आता नजर आ रहा है।
सेफ्ट्रीएक्सन का लगाया गया था इंजेक्शन
दरअसल बच्चों को सेफ्ट्रीएक्सन का इंजेक्शन दिया गया था, सिलेफोस्पोरिन एंटीबायोटिक का यह इंजेक्शन शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए दिया जाता है। बच्चों का इलाज करने पहुंचे पीडियाट्रिशन डॉ विनोद दहायत ने भी बताया है कि कभी-कभी कंटामिनेशन यानि की अशुद्धियों के कारण यह इंजेक्शन ऐसा असर दिखाता है।
पुलिस भी पहुंची मौके पर
इस घटना की जानकारी परिजनों ने पुलिस को भी दे दी थी, जिसके बाद मौके पर मची परिजनों की अफरा-तफरी को संभालने पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई। हालांकि बच्चों की हालत समय रहते सुधर जाने के चलते मौके पर विवाद की कोई स्थिति नहीं बनीं। बहरहाल सिविल सर्जन ने मामले की जांच की बात कही है। देखना यह होगा कि बच्चों की इस हालत के पीछे क्या वजह सामने निकलकर आती है।