श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत ने गिराए जमीनों के भाव, पार्क के आसपास के सौदे हो रहे रद्द, रजिस्ट्रियां अटकीं

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BP Shrivastava
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श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत ने गिराए जमीनों के भाव, पार्क के आसपास के सौदे हो रहे रद्द, रजिस्ट्रियां अटकीं

SHEOPUR.  मध्यप्रदेश में कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाने के साथ ही पार्क के आसपास के क्षेत्र में जमीनों के दाम तेजी से बढ़ने लगे थे। कुछ ही महीनों में यहां जमीनें पांच गुना तक महंगी हो गई थीं, लेकिन अब जैसे-जैसे चीतों की मौतें हो रही हैं तो इन जमीनों के सौदे रद्द हो रहे हैं, वहीं  सौदों की रजिस्ट्रियां कराने से लोग आनाकानी कर रहे हैं। इसी बीच चीतों को कहीं और शिफ्ट करने की चर्चाओं ने जमीन के सौदागरों को और असमंजस में डाल दिया है। हालांकि, कुछ दिन पहले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने चीतों के मप्र से बाहर शिफ्ट होने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा, कूनो के चीते मप्र से कहीं बाहर नहीं जाएंगे। इस बीच चीतों के वैकल्पिक रहवास के लिए मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य को भी तैयार करने की बात सामने आई है।



चीतों के आने से पहले ही जमीनें हो गई थीं महंगी



जानकारी के मुताबिक कूनो में अब तक 6 चीतों की मौत हो चुकी है। जिससे पार्क के आसपास की जमीनों के दाम नीचे गिरने लगे हैं। जिन लोगों के सौदे जुबानी या एडवांस थे, वो रद्द हो रहे हैं। जिन लोगों ने जमीन की कीमत के बड़े हिस्से का सौदा किया था, वो अब रजिस्ट्री कराने में आनाकानी कर रहे हैं। यहां पिछले साल सितंबर के महीने में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीते लाने के पहले ही जमीनों के दाम आसमान छूने लगे थे। जिन जमीनों के भाव एक लाख रुपए बीघा थे वो चीतों के आने से पहले ही 10 से 12 लाख रुपए बीघा तक पहुंच गए थे।



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25 सौदों में केवल 7-8 रजिस्ट्रियां



चीतों के आने के बाद तो ये 25 से 30 लाख रुपए तक पहुंच गई थी। 25 किसानों ने अपनी जमीनों का सौदा किया, जिनमें से महज 7 से 8 लोगों ने रजिस्ट्रियां कराई हैं। चीता प्रोजेक्ट को झटका लगने के बाद 5 ने सौदे कैंसिल कर दिए,10 लोग ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक रजिस्ट्री नहीं कराई है। वे लोग रजिस्ट्री के लिए लगातार आनाकानी कर रहे हैं।



एडवांस दिया रजिस्ट्री नहीं कराई



कूनो नेशनल पार्क श्योपुर जिला मुख्यालय से करीब 65 किमी दूर है। पार्क से ही लगा है मोरावन गांव। बताते हैं गांव के वीरू गुर्जर ने ग्वालियर की एक पार्टी को 25 लाख रुपए में कूनो से 10 किलोमीटर दूर की जमीन बेची थी, पार्टी ने दो से 5 लाख रुपए एडवांस भी दिया, लेकिन चीतों की मौत होने के बाद वह पार्टी जमीन की रजिस्ट्री कराने नहीं आ रही। सौदा कैंसिल हो रहा है। मेघसिंह गुर्जर ने विजयपुर के एक नेताजी को जमीन बेची। आधी रकम भी मिल गई लेकिन, खरीदार रजिस्ट्री नहीं करा रहे।



कूनो में अब 18 चीते ही बचे



पहली बार में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। पहले 3 चीतों और फिर एक-एक कर 3 चीता शावकों की मौत हो गई। अब कूनो में 18 चीते ही रह गए हैं। 


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