सैयद आफताब अली, SHAJAPUR. शाजापुर के शुजालपुर में वन विभाग ने मजदूरों के साथ मजाक किया। वन विभाग ने पौधे लगाने के लिए मजदूरों से 88 हजार गड्ढे खुदवाए और इसके बाद मजदूरी देने से मुकर गया। मजदूरों ने कलेक्टर से शिकायत की। 150 से ज्यादा मजदूर कलेक्ट्रेट में डटे हुए हैं। मजदूरों का कहना है कि वन विभाग ने 88 हजार गड्ढे खोदने का ठेका दिया था लेकिन पैसे देने की बात पर वन विभाग मुकर गया। मजदूरी कराने के बाद पैसे भी नहीं दिए।
वन विभाग के चक्कर लगा रहे मजदूर
मजदूर दो दिन से वन विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। उनके बच्चे भूखे हैं। कलेक्ट्रेट में डटे मजदूरों को समझा-बुझाकर उनके लिए रात रुकने की व्यवस्था एसडीएम और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने रात में करीब 10 बजे नगर पालिका के कम्युनिटी हॉल में की। सभी मजदूरों को बस से कम्युनिटी हॉल भेजा गया।
मजदूरी मांगने पर जेल भेजने की धमकी दे रहे वन अधिकारी
मजदूरी मांग रहे मजदूरों को वन विभाग के अधिकारी मजदूरी देने की बजाय जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों के साथ कई महिलाएं भूखी-प्यासी सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाकर परेशान हो रही हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। वन विभाग के एसडीओ का कहना है कि मजदूर गलत आरोप लगा रहे हैं। हम मजदूरी देने को तैयार हैं, लेकिन ये ज्यादा मांग रहे हैं। फिलहाल मजदूरों के ठेकेदार के खिलाफ शाजापुर थाने में शिकायत कर थाने में बैठा दिया है।
17 लाख रुपए की मांग पर अड़े मजदूर
एसडीओ का कहना है कि मजदूरों को प्रति पौधा 7 रुपए की दर से कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था लेकिन मजदूर 17 लाख रुपए लेने पर अड़े हुए हैं वहीं विभाग 5 लाख 70 हजार के आसपास भुगतान करने को तैयार है। वहीं उनका कहना है कि मजदूरों से उनके बैंक अकाउंट की डीटेल भी मांगी गई है लेकिन इनके पास बैंकीकि कोई डीटेल नहीं होने से इनका भुगतान नहीं किया जा सका।
नाराज मजदूरों ने कलेक्ट्रेट में डाला डेरा
कटनी से 150 मजदूर पौधरोपण के लिए गड्ढे खोदने के लिए वन विभाग ने बुलवाए लेकिन अब कोई भी अधिकारी इनके भुगतान की बात नहीं कर रहा है और अब मजदूर कलेक्टर कार्यालय में डेरा जमाकर बैठे हैं। देर रात तक कलेक्ट्रेट में डटे रहने के बाद भूख-प्यास से तरस रहे छोटे बच्चे, बुजुर्ग और महिला पुरुष वहां से हटने को तैयार ही नहीं थे जिसकी सूचना पर जिला प्रशासन का पूरा अमला रात करीब साढ़े 9 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचा और सभी मजदूरों को मनाने की कोशिश की।
प्रशासन ने की मजदूरों के खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था
कोई भी मजदूर अपनी मजदूरी काटने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि हमसे जो बात की गई थी, हमें उस हिसाब से पूरा पैसा चाहिए। एसडीएम शैली कनाश ने मजदूरों से बात करके उन्हें बारिश से बचने और रात के विश्राम के लिए उनकी व्यवस्था शाजापुर नगर पालिका के कम्युनिटी हॉल में की। करीब 150 मजदूरों को रात करीब 10 बजे बस से कम्युनिटी हॉल पहुंचाया गया। एसडीएम शैली कनाश ने बताया कि हम लोगों ने कम्युनिटी हॉल में मजदूरों के रहने और खाने की व्यवस्था की है। हालांकि मामला वन विभाग का है, वहां भी उच्च अधिकारी हैं। वे किसी न किसी तरह से इन मजदूरों को उनकी मजदूरी देने में पूरी मदद करेंगे। सभी मजदूर कलेक्ट्रेट में आए हुए थे और यहां पर रुके हुए थे इसलिए इनका जिम्मा हमने उठाया और इनके लिए व्यवस्था की।