Damoh. दमोह में कुंडलपुर के पास से रुकमणि मठ से माता की प्रतिमा 21 साल पहले चोरी हो गई थी जो आज भी संग्रहालय में रखी है, लेकिन मठ में स्थापना नहीं हो पाई। बता दें पूरे जिले के लोगों की आस्था माता रुक्मणि मठ में है। बुधवार को यादव समाज के लोगों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर मांग की है कि दमोह दमयंती संग्रहालय में रखी माता रुक्मणी की प्रतिमा को कुंडलपुर के प्राचीन मठ में स्थापित किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता तो उन्हें सभी धार्मिक संगठनों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करना पड़ेगा,जिसमें यदि कोई समस्या होती है, तो पूरी जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी ।
यादव महासभा ने रखी मांग
यादव महासभा के पदाधिकारी परम यादव ने बताया कि साल 2002 में माता रुकमणि की प्राचीन प्रतिमा कुंडलपुर के रुकमणि मठ से चोरी हो गई थी। इस प्रतिमा को राजस्थान पुलिस ने जब्त किया था, जो मध्य प्रदेश के ग्यारसपुर संग्रहालय में रखी थी। स्थानीय लोगों की मांग के बाद 2019 में इस प्रतिमा को ग्यारसपुर संग्रहालय से दमयंती संग्रहालय लाया गया था, लेकिन अब प्रतिमा संग्रहालय में रखी है।
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काफी लोगों की जुड़ी है आस्था
वह चाहते हैं कि माता रुकमणि लोगों की आस्था की केंद्र हैं, इसलिए प्रतिमा को रुकमणि मठ में स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके पहले
भी कई बार धार्मिक सामाजिक संगठन की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसीलिए उन्होंने फिर से ज्ञापन दिया है। यदि प्रशासन उनकी मांग को गंभीरता से नहीं लेता तो वह उग्र आंदोलन करेंगे।
लक्ष्मी का अवतार हैं रुकमणि
पुराणों और श्रीमदभागवत के अनुसार माता रुकमणि को लक्ष्मी जी का अवतार माना गया है। जबकि राधा निराकार ईश्वर स्वरूपा बताई जाती हैं। देश में माता रुकमणि की मूर्तियां वैसे भी दुर्लभ हैं। अधिकांश मंदिरों में भगवान कृष्ण के साथ राधा की ही उपासना होती है। दमोह का रुकमणि मठ ही ऐसा स्थान था जहां माता रुकमणि की मूर्ति स्थापित थी।