Katni. कटनी जिला अस्पताल में ममत्व को शर्मसार करने वाली घटना उस वक्त सामने आई जब जिला अस्पताल के बाहर दीवार पर टंगे थैले से आती हुई किलकारियों की आवाज लोगों ने सुनी। जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड और प्रसूति कक्ष की दीवार पर एक थैले में किसी ने अपने कलेजे के टुकड़े को लावारिस हालत में छोड़ दिया था। बिल्डिंग की पुताई कर रहे मजदूरों की थैले पर नजर पड़ी तो उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को इस बात की जानकारी दी। आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई और अस्पताल के प्रसूति विभाग ने बच्चे को अपने कब्जे में लिया। नवजात को इलाज के लिए गहन चिकित्सा में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। मासूम के गले में चोट के निशान मिले और वह मिट्टी में भी लिपटी हुई थी। चिकित्सकों का अनुमान था कि उसे फेंकने से पहले उसे मारने की कोशिश की गई होगी। हालांकि लोगों को यह बात भी खटक रही थी कि बच्चे के अपनों ने जब उसे फेंक दिया तो उसे थैले में कौन टांग कर चला गया। नवजात की थमती सांसों को सहारा देने उसे वेंटिलेटर पर भी रखा गया लेकिन आखिरकार उसने इस निर्दयी संसार में ज्यादा देर रहना मुनासिब नहीं समझा और दम तोड़ दिया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। इसके लिए अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। बच्चे को सबसे पहले देखने वाले मजदूर मुकेश बर्मन ने बताया कि वह पुताई का काम कर रहा था तभी दीवार पर एक थैला टंगा दिखाई दिया। सहसा थैले में कुछ हरकत होती दिखी और हल्की सी किलकारी सुनाई दी। जिसके बाद उसने अपने साथियों को इस बारे में बताया और थैले के पास पहुंचा, थैले में बच्चा देख उसने तत्काल अस्पताल स्टाफ को जानकारी दी। अस्पताल स्टाफ की मानें तो जब थैले को उतारा गया तो बच्चे की सांसें चल रही थीं।
सभी प्रसूताओं की जानकारी खंगाली गई
अस्पताल स्टाफ ने बच्चे को इलाज के लिए भर्ती कर तत्काल सभी प्रसूताओं की जानकारी निकाली। अस्पताल में भर्ती सभी प्रसूताओं के पास उनके बच्चे पाए गए। फिलहाल यह बच्चा किसका था और कौन इसे इस प्रकार छोड़ गया पुलिस इस बात का पता लगा रही है।