मध्य प्रदेश बीजेपी में टोपी पहनाने का गुर, मुरली की नई तान, विपक्ष को सत्ता की धोबीपछाड़, तुम हमारी ढांको हम तुम्हारी छिपा लेंगे

author-image
Harish Divekar
एडिट
New Update
मध्य प्रदेश बीजेपी में टोपी पहनाने का गुर, मुरली की नई तान, विपक्ष को सत्ता की धोबीपछाड़, तुम हमारी ढांको हम तुम्हारी छिपा लेंगे

हरीश दिवेकर। देश में कोरोना का रोना शुरू हो, उससे पहले सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। जाहिर है कि दूध का जला छांछ को भी फूंक-फूंककर पीता है। पांच देशों चीन, जापान, साउथ कोरिया, हॉन्गकॉन्ग और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट जरूरी कर दिया गया है। हालांकि, इंटरनेशनल फ्लाइट्स को बैन नहीं किया गया है। इधर, मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में मथुरा जिला कोर्ट का बड़ा फरमान सुनाया। अब वाराणसी के ज्ञानवापी की तरह शाही ईदगाह का भी सर्वे होगा। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा दिल्ली पहुंच गई। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा- मेरी इमेज खराब करने में करोड़ों खर्च कर दिए। वैसे बीता हफ्ता फीफा वर्ल्ड कप के नाम रहा। लियोनेल मेसी ने आखिरकार अर्जेंटीना को वर्ल्ड कप दिला ही दिया। उनकी आवभगत में पूरा देश उमड़ पड़ा। मेसी वर्ल्ड कप के साथ चैन की नींद सोते भी दिखे। 



मध्य प्रदेश की बात करें तोयहां का राजनीतिक मौसम बदलने के साथ प्राकृतिक मौसम भी बिगड़ा हुआ है। दिसंबर खत्म होने को है, लेकिन ठंड का अता-पता नहीं है। ऐसा 10 साल बाद हो रहा है। चलिए, दिसंबर की इस गुलाबी सर्दी में आपको हल्की गुनगुनी सी गर्माहट महसूस कराई जाए। बस तो फिर सीधे नीचे उतर आइए और राजनीतिक और ब्यूरोक्रेसी की रोचक खबरों में गोते लगाइए...



सबसे बड़ा टोपीबाज कौन...?



कटनी में हुई बीजेपी कार्यपरिषद की बैठक में सब एक दूसरे से खुसफुसाकर पूछ रहे थे कि सबसे बड़ा टोपीबाज कौन है? दरअसल बैठक में शिवराज सिंह और वीडी शर्मा एक-दूसरे के सम्मान में एक दूसरे को टोपी पहना रहे थे, तभी कैलाश विजयवर्गीय ने चुटकी लेते हुए कह दिया कि समझ नहीं आ रहा कि असल में कौन किसे टोपी पहना रहा है। इस पर शिवराज सिंह ने कहा कि अरे, कैलाश जी को भी टोपी पहनाओ ये कैसे छूट गए। इसके बाद ठहाकों के ​बीच शिवराज ने कैलाश को भी टोपी पहना दी। इस पर बैठक में मौजूद एक पदाधिकारी ने पास बैठे लोगों से धीरे से पूछा कि इनमें सबसे बड़ा टोपीबाज कौन है। दूसरे साथी कुछ बोलते, उससे पहले पास वाले ने मुस्कुराकर हाथ दबाते हुए कहा- पर्दे में रहने दो, पर्दा न उठाओ, पर्दा उठ गया तो भेद खुल जाएगा। नेता तो इसे राज रखना चाहते हैं। यदि आप लोगों को इसका जवाब पता हो तो मुझे जरूर पर्सनली वॉट्सऐप करके बता दें। 



publive-image



मुरली के इस सुर के क्या मायने...?



बीजेपी कार्यपरिषद की बैठक में मुरलीधर राव के बोल ने सबको चौंका दिया। बोलते-बोलते बोल गए कि मुझे एमपी का ना तो सीएम बनना है और ना ही प्रदेश अध्यक्ष। मैं 50 का हो गया हूं, क्या मैं यहीं उलझा रहूंगा। मुझे कहीं कुछ ओर करना है। सहजता में निकले मुरली के सुरों ने सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर उनका इशारा क्या था। क्या वे प्रदेश प्रभारी के पद से हटने वाले हैं या उन्हें अपने गृह जिले या राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है। सभी पदाधिकारी अपने-अपने स्तर मुरली के सुरों का मतलब निकालने का प्रयास कर रहे हैं।



आउटसोर्सिंग एजेंसी पर भरोसा करना भारी पड़ा



नेता प्रतिपक्ष की जिद कांग्रेस भारी पड़ गई। उनके अविश्वास प्रस्ताव की ​धज्जियां उड़ने के बाद कांग्रेस नेताओं का उन पर से विश्वास उठ गया। अंदरखानों की माने तो नेताजी ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष की सलाह पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले नेता प्रतिपक्षों की सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के चलते ये सारी उठापटक की। सरकार पर हमला बोलने के लिए पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने अपनी आउट सोर्सिंग टीम से नेता प्रतिपक्ष को समाचारों की कतरनों से सरकार के खिलाफ आरोपों का पुलिंदा बनाकर दे दिया। इनके आधार पर कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर हमला बोलने का प्रयास किया। सत्ता पक्ष ने इसके जवाब में ऐसा धोबी पछाड़ दिया कि विपक्षी विधायक मैदान में टिक ही नहीं पाए। ​ 



जयंत मलैया पर बोलकर फंस गए कैलाश



जयंत मलैया के अमृत महोत्सव (75वें जन्मदिन) पर उन्हें खुश करने के लिए कैलाश विजयवर्गीय भावनाओं में बह गए। वे बोल बैठे कि मलैया को पार्टी से निलंबित करना बड़ी भूल थी, उसके लिए मैं पार्टी से माफी मांगता हूं। कैलाश की ये बयान वीरता को उनके चाहने वालों ने तत्काल लपक लिया। इसकी डाक दिल्ली तक लगा दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय संगठन ने प्रदेश संगठन से इसकी जानकारी तलब कर ली। आपको बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की अनुशंसा पर राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगठन महासचिव ने मलैया को पार्टी से निलंबित करने की मंजूरी दी थी। ऐसे में कैलाश ने इसे भूल बताकर प्रदेश और राष्ट्रीय संगठन पदाधिकारियों के फैसले पर सवाल खड़ा कर दिया। बहरहाल, अब उनका ये बयान क्या रंग लाता है, ये तो आने वाला समय बताएगा।  



चोर-चोर मौसेरे भाई



आपने ये कहावत तो सुनी ही होगी। कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेता इस कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। मामला मालवा संभाग के उस जिले का है, जो कांग्रेस के पूर्व मंत्री और बीजेपी के वर्तमान मंत्री के चाल, चरित्र और चेहरे के कारण चर्चा में है। मजेदार बात ये है कि कांग्रेस के पूर्व मंत्री फंसे तो बीजेपी ने उन्हें अच्छे से घेर लिया, लेकिन बीजेपी के मंत्री फंसे तो कांग्रेस के दिग्गज ही बचाव में आ गए। आप सोच रहे होंगे कि आखिर मंत्रीजी से कांग्रेस को इतना प्रेम क्यों है। हम आपको अंदर की बात बता देते हैं। दरअसल, इस मामले में कांग्रेस के एक दिग्गज नेता का पुत्र भी लपेटे में आ रहा था। मंत्री को उचकाते तो कांग्रेस पुत्र भी बच नहीं पाता। इसलिए दोनों पक्षों में सहमति बनी, तुम हमारी ढांकों और हम तुम्हारी छिपाते हैं। 



सत्ता से पितृ संगठन की नाराजगी क्यों?



सत्ता से विपक्ष नाराज हो तो समझ आता है, लेकिन एमपी में तो सत्ता से संघ के अहम अनुषांगिक संगठन ही नाराज हैं। नाराज भी इतने कि अपनी बात मनवाने के लिए सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को मजबूर हो गए। पहले भारतीय किसान संघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन किया। अब सहकार भारती ने आंदोलन करने की रणनीति तैयार कर ली है। किसान संघ के सड़क पर उतरने के ​बाद मुख्यमंत्री दौड़े दौड़े पहुंचे और उनकी मांगें मान लीं। अब नंबर सहकार भारती का है, जो 2018 से कोऑपरेटिव में चुनाव ना होने के कारण नाराज हैं। सवाल ये है कि क्या सत्ता इतनी हावी हो गई कि संघ के अनुषांगिक संगठनों को अपनी बात मनवाने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। क्या बंद कमरे में होने वाली बैठकों में उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है। 



मध्यांचल बना मैरिज गार्डन



मध्य प्रदेश के नेताओं और अफसरों के लिए दिल्ली में ठहरने के लिए बना मध्य प्रदेश भवन और मध्यांचल भवन इन दिनों मैरिज गार्डन बना हुआ है। रसूखदार अफसर अपने रुतबे का फायदा उठाते हुए इनके पूरे कमरे बुक करवा रहे हैं। हाल ही में एक महिला अफसर के दिल्ली दौरे पर कमरा नहीं मिला तो पहले उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर की। जब पता चला कि बड़े साहब लोगों के घर में शादी है, इसलिए कमरे बुक हैं तो मैडम चुपचाप निकल गई और होटल में जाकर ठहर गई। अब मैडम अपने साथियों से कहती फिर रही हैं कि इतने बड़े बड़े अफसर चंद रुपए बचाने के फेर में सरकारी सिस्टम की बैंड बजाने में लगे हुए हैं। बच्चों की शादी के लिए होटल बुक कर सकते हैं, लेकिन सरकारी खर्च का लुफ्त उठाने का जो आनंद है, वो पैसे खर्च करने में कैसे मिलेगा।


MP News एमपी न्यूज BOL HARI BOL बोल हरि बोल politics of MP मध्य प्रदेश की राजनीति Congress No Confidence Motion कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव MP Minister Rajvardhan Dattigaon Case एमपी के मंत्री राजवर्धन दत्तीगांव केस