Jabalpur. जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में मंगलवार को किसी भी तरह की कोई पैथोलॉजी जांच नहीं हो पाएगी। यह ऐलान अस्पताल के लैब कर्मचारियों ने किया है और एक दिन के लिए सामूहिक हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। लैब कर्मचारियों की हड़ताल से ऑपरेशन और अन्य चिकित्सा व्यवस्थाओं पर सीधा-सीधा असर पड़ेगा। मप्र लैब टेक्नीशियन संघ के वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि लैब कर्मचारियों की जायज मांगों को सरकार पूरा करे। ग्रेड पे बढ़ाने, पदनाम परिवर्तन, प्रमोशन चैनल, रिस्क एलाउंस, संविदा को नियमित करने, आउटसोर्स एजेंसी से काम बंद कराने समेत रिक्त पदों की भर्ती जैसे इनकी प्रमुख मांगें हैं। कर्मचारी संघ का आरोप है कि उनके साथ लगातार उपेक्षा की जा रही है। जिस कारण मंगलवार को वे सामूहिक हड़ताल पर रहेंगे।
ये हैं प्रमुख मांगें
लैब कर्मचारियों की 13 सूत्रीय मांगें हैं जिनमें से प्रमुख मांग लैब टेक्नोलॉजिस्ट से पदनाम परिवर्तित कर लैब ऑफिसर करने, ग्रेड पे 28 सौ से 42 सौ करने, राज्य शासन के संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, रिस्क अलाउंस, रात्रिकालीन भत्ता, प्रमोशन जैसी मांगें हैं।
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मांगों को अनसुना कर रही सरकार
संघ के वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन को लैब टेक संवर्ग ने प्रदेश स्तर से पूर्व के वर्षों में ज्ञापन और पत्राचार के माध्यम से कई बार अपनी मांगों से अवगत कराया है। लेकिन इन पर कोई सुनवाई नहीं की गई, जिसके कारण 9 जनवरी को लैब कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर थे और अब हड़ताल का रास्ता चुन रहे हैं। कर्मचारियों का साफ कहना है कि जब तक हमारी मांगों पर विचार करके कोई हल नहीं निकाला जाता हम प्रदेश संगठन के साथ इस हड़ताल में शामिल रहेंगे।
जिला अस्पतालों की भी हालत खराब
जिला अस्पताल में समस्त पैथोलॉजी जांचों को जिम्मा आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे है, नियमित कर्मचारियों की तुलना में वैकल्पिक कर्मचारी काम चलाऊ कार्य कर रहे हैं। यही कारण है कि यहां जांच की गुणवत्ता पर भी प्रश्न चिन्ह लगता है। ब्लड बैंक में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के काम में भी आउटसोर्स कर्मचारी ही कार्य कर रहे हैं। लैब कर्मचारियों की हड़ताल में जाने से सभी सेवाएं प्रभावित हैं, वैकल्पिक कर्मचारियों से काम चलाऊ कार्य लिया जा रहा है, लेकिन उसकी गुणवत्ता मानकों के अनुसार काम नहीं हो रहा।