संजय गुप्ता, INDORE. समरथ को नहीं दोष गोसाईं, ये पंक्तियां क्राइम ब्रांच इंदौर के टीआई धनेंद्र भदौरिया पर सबसे उपयुक्त होती हैं। 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान भरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा था कि एक टीआई लोगों को डरा-धमकाकर वसूली कर रहा है, तत्काल उन पर कार्रवाई करो। जरूरत हो तो ऐसे लोगों पर ईओडब्लयू से छापे पड़वाओ, जांच कराओ।
4 महीने बाद बहाल हुए धनेंद्र भदौरिया
इसके बाद आनन-फानन में भदौरिया को निलंबित कर दिया गया, जांच बैठी इस दौरान उज्जैन अटैच किया गया, लेकिन अब 4 महीने बाद उनकी बाइज्जत बहाली हो गई है और साथ ही सिंगल ऑर्डर निकलते हुए उन्हें शिवपुरी ट्रांसफर कर दिया गया है।
खुद सांसद ने की थी शिकायत, पीड़ितों ने दिए थे सबूत
सांसद शंकर लालवानी के एक रिश्तेदार को जमीन के मामले में उलझाकर भदौरिया ने लंबी-चौड़ी राशि वसूली की मांग रखी थी। निमाड़ के कॉटन कारोबारियों से भी जमकर वसूली की थी और फिर जंबू भंडारी के एक मकान को लेकर भी उन पर केस दर्ज कर डराने और वसूली की शिकायतें थीं। सांसद शंकर लालवानी ने सीएम को उनकी पूरी कारगुजारियां बताई थीं। इसके बाद सीएम ने उन्हें निलंबित करने के आदेश दिए थे, हालांकि इस आदेश को अमल में लाने के लिए भी क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को करीब 2 दिन लग गए थे। बाद में जांच बैठी, पीड़ितों ने सबूत भी पहुंचाए, लेकिन जांच में सबकुछ ठंडा कर दिया गया और सीएम के आदेश और भ्रष्टाचार की जीरो टॉलरेंस नीति भी फाइल में दब गई।
गृह मंत्री मिश्रा के खासमखास हैं टीआई
भदौरिया गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के खास माने जाते हैं। जब उनके क्षेत्र में टीआई थे, तब उन्होंने गृह मंत्री के जन्मदिन पर पोस्टर लगवा दिए थे। टीआई पर लूट के मामले तक दर्ज हो चुके हैं और जेल में भी रह चुके हैं, लेकिन दबंग टीआई का कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाया और फिर से बहाली कराकर उन्होंने सीएम, सांसद सभी को अपनी पहुंच बता दी है।
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ईओडब्ल्यू तो कभी हरकत में ही नहीं आया
सीएम ने इस मामले में ईओडब्ल्यू से जांच कराने और जरूरत होने पर ऐसे अधिकारियों पर छापे मारने के लिए भी कहा था, लेकिन तब की बात है और अब 4 माह, ईओडब्लूय ने भदौरिया तो क्या, किसी भी अधिकारी की ना तो जांच की और ना ही किसी के यहां छापे मारे। जांच एजेंसियों ने सभी शिकायतों को दरकिनार कर रखा है।