राजस्थान के रणथंबौर से बाघ T-136 गायब, मप्र के कूनो में घुसने की चर्चा, DFO ने सर्चिंग टीम को किया सतर्क

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Neha Thakur
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राजस्थान के रणथंबौर से बाघ T-136 गायब, मप्र के कूनो में घुसने की चर्चा, DFO ने सर्चिंग टीम को किया सतर्क

BHOPAL. मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां नामबिया से लाए गए चीतों की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही है। बता दें कि हाल ही में चीतों के बाड़े के पास तेंदुए की हलचल देखी गई थी। अभी यह मामला चल ही रहा था कि इसी बीच चीतों के करीब बाघ के आने की सूचना मिली है। इसको लेकर सुरक्षा में तैनात वनकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि बाघ राजस्थान के रणथंबौर टाइगर रिजर्व से कूनो नेशनल पार्क पहुंचा है। लेकिन कूनो पार्क प्रबंधन यहां किसी भी बाघ के मूवमेंट होने और ताजा पगमार्क मिलने की बात से साफ इनकार कर रहा है। वहीं, राजस्थान के धौलपुर डीएफओ बाघ टी-136 के कूनो की और निकलने का दावा कर रहे हैं।



चीतों की सुरक्षा के लिए अमला हुआ चौकन्ना



वन विभाग के अधिकारी और वन अमला इन दिनों टाइगर के पद चिन्ह तलाश कर उसकी लोकेशन का पता लगाने में जुटा है। कूनो नेशनल पार्क में यूं तो चीतों के अलावा एक सैकड़ो से ज्यादा के करीब तेंदुए मौजूद होने के साथ साथ भालू, लकड़बग्घा सहित सैकड़ों की संख्या में खूंखार जानवर मौजूद हैं। लेकिन 30 मई रविवार को टाइगर की एंट्री हो जाने के बाद कूनो में चीतों की सुरक्षा को लेकर वन अमला ज्यादा चौकन्ना हो गया है। ऐसे में टाइगर और कूनो के खुले जंगल में मौजूद तीन चीतों के आमने-सामने आने की स्थिति में टकराव का ज्यादा खतरा रहेगा।



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मुरैना सीमा में भी आया था बाघ



राजस्थान के सवाईमाधोपुर स्थित रणथंबौर नेशनल पार्क का बाघ T-136 पिछले काफी समय से राजस्थान के धौलपुर जिले के जंगलों में विचरण कर रहा था। पहले बाघ मुरैना जिले की सीमा में भी आया था, लेकिन बाद में लौट गया। अब बताया जा रहा है कि पिछले चार-पांच दिन पहले ये धौलपुर से वापस निकलकर रणथंबौर की सीमा में आ गया और फिर वहां से चंबल पार कर इसके श्योपुर जिले की सीमा में पहुंचने की संभावना है।



डीएफओ ने कहा ये-



कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने कहा, कूनो पार्क क्षेत्र में किसी भी बाघ का कोई मूवमेंट नहीं है और न ही रणथंबौर से निकलकर किसी बाघ के यहां आने की कोई सूचना हमें मिली है। जहां तक कूनो के पास किसी बाघ के हाल ही में पद चिन्ह मिलने की बातें कही जा रही हैं, वो भी सही नहीं हैं। पिछली फरवरी माह में कूनो पार्क से 25 किमी दूर पोहरी के जंगलों में जरूर ट्रेकिंग के दौरान बाघ के पगमार्क मिले थे।



पहले भी आते रहे हैं रणथंबौर पार्क के टाइगर



श्योपुर के सामान्य वनमंडल के जंगल और कूनो नेशनल पार्क के जंगल में पहले भी राजस्थान के रणथंबौर के टाइगर आते रहे हैं। इससे पहले रणथंबौर का बाघ टी-38 तो कूनो नेशनल पार्क के जंगलों में 10 साल (फरवरी 2011 से नवंबर 2020) तक रहा और लौट गया। वहीं, एक मोहन नामक बाघ तो दतिया के जंगलों तक पहुंचा था।


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