Panna. मध्यप्रदेश में बाघों के कुनबे में लगातार इजाफा हो रहा है, अब खुशखबरी पन्ना टाइगर रिजर्व से आई है जहां बाघिन पी 234 ने दो स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। इससे पहले अपने पहले लिटर में उसने दो शावकों को जन्म दिया था। बाघिन की अपने शावकों के साथ पहली तस्वीरें सामने आई हैं। बता दें कि एक समय बाघों से रहित हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व में दूसरे फेज में 80 से ज्यादा बाघ मौजूद हैं।
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पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बृजेंद्र झा ने इस बात की पुष्टि कर दी है। उन्होंने कहा है कि बाघिन पी 234 और उसके दोनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ और सुरक्षित हैं। टाइगर रिजर्व की टीम लगातार बाघिन और शावकों पर नजर रखे हुए हैं। दरअसल यह युवा बाघिन पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। फिलहाल वह अपने नन्हें शावकों की देखरेख में व्यस्त है।
सरकार ने रिजर्व में हीरा खनन की दी है अनुमति
बता दें कि प्रदेश सरकार ने एनएमडीसी को पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में हीरा खनन की अनुमति दे दी है। यदि राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड ने इसके लिए स्वीकृति दे दी तो रिजर्व के बफर जोन में बोर होल के जरिए हीरा खनन की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इन बोर होल में वन्यजीवों के फंसने की चिंता वन्यप्राणी विशेषज्ञों ने जताई है।
इससे पहले अंधाधुंध शिकार के चलते पन्ना नेशनल पार्क से बाघ गायब हो गए थे, बाद में वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने बांधवगढ़ और कान्हा से बाघ के जोड़ों को यहां शिफ्ट किया था। जिसके बाद यहां बाघों का बसेरा एक बार फिर आबाद हो गया। पन्ना टाइगर रिजर्व टाइगर प्रोजेक्ट के लिए एक मिसाल है।