Mandla. मंडला में करीब डेढ़ माह पहले वन विकास निगम मोहगांव में एक बाघ का करंट लगाकर शिकार किया गया था। इसके बाद शिकारियों ने बाघ की खाल को उतारा और उसके शव को जंगल में ही दफना दिया था, ताकि वन विभाग को शिकार की भनक तक न लग सके। लेकिन बाघ की खाल के साथ पकड़े गए शिकारियों के गिरोह से जब कड़ाई की गई तो यह घटना उजागर हो गई। वन विभाग की टीम ने आरोपियों की निशानदेही से जंगल में दफन बाघ के शव को बरामद कर लिया है।
करंट लगाकर किया था शिकार
दरअसल वारासिवनी और लालबर्रा वन विभाग की टीम ने सिवनी राजमार्ग पर सिहोरा गांव से मुखबिर की सूचना पर 3 आरोपियों को दबोचा था, जिनके कब्जे से बाघ की खाल बरामद हुई थी। बाद में विभाग की टीम ने आरोपियों से पूछताछ कर पूरे 8 सदस्यीय गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बाघ का शिकार करंट लगाकर करना कबूल किया और उनकी निशानदेही पर जंगल में दफन बाघ का शव भी बरामद हो गया है।
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मुख्य वन संरक्षक उड़नदस्ता बालाघाट यशपाल मेहरा और जांच प्रभारी ने बताया कि बुधवार को वन उड़नदस्ता की टीम आरोपी पंडा बुधराम, धनेश और चमरु को लेकर वन विकास निगम मोहगांव पहुंचे। जहां आरोपियों की निशानदेही पर जमीन की खुदाई कराई गई। जहां से बाघ का डेढ़ माह पुराना शव बरामद किया है। शव का पंचनामा बनवाकर उसे पीएम के लिए भिजवाया गया है। वहीं गिरोह के सभी सदस्यों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
खाल का सौदा करने की थी तैयारी
दरअसल यह गिरोह मोटी कीमत पर बाघ की खाल बेचने ग्राहक की तलाश कर रहा था, लेकिन यह बात मुखबिरों के जरिए वन विभाग तक पहुंच गई। जिसके बाद बाघ के शिकार की घटना उजागर हुई है।