सिवनी के पेंच में 2 दिन तक 4 महीने के शावक की खोज में नहीं आई बाघिन, वहां व्यवस्था भी नहीं, अब कान्हा के बाड़े में पलेगा

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
सिवनी के पेंच में 2 दिन तक 4 महीने के शावक की खोज में नहीं आई बाघिन, वहां व्यवस्था भी नहीं, अब कान्हा के बाड़े में पलेगा

Seoni. बीते दिनों सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व में अपनी मां से बिछड़े बाघ शावक का रेस्क्यू किया गया था। वन्य कर्मियों ने दो दिन तक उस कोर एरिया से सटे आसपास के जंगलों में मादा बाघिनों की लोकेशन ट्रेक की, बिछड़े शावक को उसकी मां से मिलाने के भरसक प्रयास किए गए। लेकिन वन विभाग और पार्क प्रबंधन के कर्मी यह पता नहीं लगा पाए कि आखिर शावक किस मादा की संतान है। शावक की मां भी अपने बच्चे की खोज में उस कोर एरिया या उसके आसपास भी नहीं पहुंची। जिसके बाद अब मां से बिछड़ चुके इस शावक का लालन-पालन कान्हा नेशनल पार्क के बाड़े में होगा। 



पेंच टाइगर रिजर्व में नहीं है ऐसी व्यवस्था



दरअसल मां से बिछड़ने वाले या किसी अपंगता से पीड़ित बाघ शावकों की देखभाल के लिए विशेष बाड़े बनाए गए हैं। इन बाड़ों में बाघ शावक वन्यकर्मियों की देखरेख में बड़े होते हैं। वन्यकर्मी शावकों के बड़े हो जाने के बाद यह निगरानी करते हैं कि क्या वे शिकार करने में सक्षम हो चुके हैं। ऐसा पाए जाने पर उन जवान हो चुके बाघों को खुले जंगल में छोड़ दिया जाता है। हालांकि पेंच नेशनल पार्क में ऐसे शावकों के लिए बाड़ों की व्यवस्था नहीं है, इसलिए रेस्क्यू किए गए 4 माह के बाघ शावक को कान्हा नेशनल पार्क भेजा गया है। 



यह भी पढ़ें 






कोर एरिया में ही रखा गया था शावक का बाड़ा



दरअसल वन्यकर्मियों ने रेस्क्यू किए गए शावक को कोर एरिया में ही अपनी निगरानी में रखा था। वन्यकर्मियों को आशा थी कि शावक की गंध के जरिए उसकी मां उसे लेने आएगी। लेकिन 2 दिन बीत जाने के बाद भी बाघिन नहीं पहुंची। आसपास के ग्रामीणों ने वन्य कर्मियों का बताया था कि जंगल में एक बाघिन को शावकों के साथ देखा गया था, लेकिन इसकी प्रमाणित पुष्टि नहीं हो पाई थी। वन्य कर्मी शावक को ऐसे ही किसी अन्य मादा के पास भी नहीं ले जा सकते थे, ऐसे में दूसरी बाघिन शावक की जान भी ले सकती थी। 



पग मार्क के जरिए भी हुई तलाश



वन्य कर्मियों ने रजोला बीट के आसपास पग मार्क के जरिए भी शावक की मां को ट्रैक करने का प्रयास किया, हालांकि बीट में दो दिन पुराने पग मार्ग दिखाई दिए थे। लिहाजा वन्य कर्मियों को इस काम में सफलता हाथ नहीं लगी। वन अमले ने बताया कि बाघ शावक को रेस्क्यू करने के बाद उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया था। उसे भरपेट भोजन भी दिया गया। जिसके बाद प्रमुख सचिव ने उसे कान्हा भेजने का निर्णय लिया। जिसके बाद नन्हें शावक का नया बसेरा अब कान्हा नेशनल पार्क में रहेगा। 




 


Seoni News सिवनी न्यूज़ Little cub did not find mother will now grow up in Kanha's enclosure search lasted for 2 days there is no arrangement in Pench नन्हे शावक को नहीं मिली माँ अब कान्हा के बाड़े में पलेगा 2 दिन तक चली खोज पेंच में नहीं है कोई व्यवस्था