कश्मीर में आतंकियों से मुकाबला करते हुए शहीद हुए कर्णवीर सिंह 22 अक्टूबर को पंचतत्व में विलीन हो गए। कर्णवीर का पार्थिव शरीर 22 अक्टूबर को ही सतना स्थित उनके गांव दलदल पहुंचा था। दलदल में राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ कर्णवीर का अंतिम संस्कार हुआ। कर्णवीर के भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय, कर्णवीर अमर रहे के नारे लगाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) भी शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे। उन्होंने परिवार को एक करोड़ रुपए और भाई को नौकरी देने का ऐलान किया है।
भाई ने दी मुखाग्नि
सतना के शहीद कर्णवीर सिंह का अंतिम संस्कार उनके गृह गांव दलदल में राजकीय एवं सैन्य सम्मान के साथ किया गया। उनके बड़े भाई शक्ति प्रताप सिंह ने अंतिम संस्कार किया। शहीद को अंतिम विदाई देने मुख्यमंत्री (CM) शिवराज सिंह चौहान भी दलदल गांव पहुंचे।
शहीद के भाई को नौकरी और परिवार को 1 करोड़
सीएम ने शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि और भाई को नौकरी देने की घोषणा की है। राज्य सरकार का ये नियम (Rule) है कि सेना के शहीद जवान को एक करोड़ रुपए सहायता राशि, एक परिजन को नौकरी दी जाती है। इससे पहले पार्थिव शरीर शुक्रवार, 22 अक्टूबर की सुबह जब गांव पहुंची तो हर गली 'कर्णवीर अमर रहे' के जयकारों से गूंज उठी।