देव श्रीमाली, GWALIOR. पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ ग्वालियर की एक अदालत में चल रहे आरएसएस के खिलाफ टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि के मामले को रद्द करने के लिए दायर याचिका को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने इस मामले को हाईकोर्ट जबलपुर स्थानांतरित कर दिया।
संघ के खिलाफ की थी टिप्पणी
दिग्विजय सिंह ने 2019 में आरएसएस , बीजेपी और बजरंग दल पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो लोग पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए पाए गए हैं। वह संघ, बीजेपी और बजरंग दल से पैसे ले रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी मुसलमान कम और गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं। इसके खिलाफ एडवोकेट अवधेश भदौरिया ने ग्वालियर की जिला अदालत में मानहानि का एक परिवाद दायर किया था। इसमें दिग्विजय सिंह एक बार पेश भी हो चुके हैं।
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दिग्विजय ने हाइकोर्ट में लगाई थी याचिका
दिग्विजय सिंह के एडवोकेट संजय शुक्ला ने बताया कि उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट में आर्टिकल 482 के तहत याचिका दर्ज की थी। जिसमें कहा था कि उनके मुवक्किल के विरुद्ध दायर परिवाद रद्द किया जाए, क्योंकि मानहानि का केस संगठन का जिम्मेदार व्यक्ति लगा सकता है। इस मामले के याचिकाकर्ता अवधेश सिंह भदौरिया तीनों संगठन में किसी के अध्यक्ष या सचिव नहीं है और न ही संगठन ने इन्हें अधिकृत किया है। लिहाजा उनके परिवाद को रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि भिंड में दिग्विजय सिंह ने जो बयान दिया था, उसमें किसी व्यक्ति का नाम भी नहीं लिया है। इसलिए अवधेश सिंह भदौरिया को मानहानि का केस दायर करने का अधिकार नहीं है।
जबलपुर स्थानांतरित किया केस
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की रजिस्ट्री ने इस याचिका को आगे की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ में स्थानांतरित कर दिया, क्योंकि एमपी और एमएलए से संबंधित याचिकाएं वहीं सुनी जातीं हैं।