Jabalpur. जबलपुर के डुमना नेचर पार्क और उसके आसपास के जंगलों में बड़ी तादाद में तेंदुए विचरण करते पाए जाते हैं। लेकिन वन विभाग के पास इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि इनकी संख्या कितनी है। जबलपुर में डुमना, ट्रिपल आईटीडीएम, खमरिया, संग्राम सागर, बरगी और नया गांव के जंगलों में इन्हें विचरण करते देखा जा चुका है। अब तेंदुओं की तादाद का पता लगाने वन विभाग डुमना समेत जबलपुर के वन क्षेत्र में ट्रेप कैमरे लगाने जा रहा है। शुरूआती तौर पर अभी 20 से 22 ट्रेप कैमरे लगाए जाऐंगे।
50 से 60 हो सकती है तेंदुओं की तादाद
वन विभाग का मानना है कि कोरोना काल के बाद तेंदुओं की तादाद में इजाफा हुआ है। कई माह तक इन्हें आवागमन बंद होने के कारण स्वच्छंदता मिली जिसके चलते इनके कुनबे में बढोतरी हुई है। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो जिले में 50 से 60 तेंदुए हो सकते हैं। जिनकी संख्या की गिनती के लिए अब ये ट्रेप कैमरे लगाए जा रहे हैं। जिनकी हाई डेफिनेशन क्वालिटी होगी, ताकि रात के समय भी जंगली जानवरों की स्पष्ट तस्वीरें ली जा सकें। डुमना वन क्षेत्र के साथ-साथ ठाकुरताल, संग्राम सागर, खमरिया, सीएमएम, ईडीके एरिया, डेंटल कॉलेज के पास, रामपुर का पहाड़ी क्षेत्र भी कैमरे लगाने के लिए चयनित किए गए हैं। तकरीबन 20 से 22 कैमरे इन क्षेत्रों में लगाए जाऐंगे।
हर गतिविधि का होगा विश्लेषण
बता दें कि ट्रेप कैमरों के जरिए मिलने वाली तस्वीरों का अन्वेषण प्रमुख डॉ अनिरुद्ध मजूमदार के निर्देशन में किया जाएगा। डिप्टी डायरेक्टर एसएफआरआई आई एम त्रिपाठी ने बताया कि एआईटीसीपी के तहत इस पर काम किया जा रहा है। जंगल में होने वाली किसी भी गतिविधि को आधुनिक कैमरों की मदद से कैद किया जाएगा। यह कैमरे तेंदुए से लेकर बिल्ली और पक्षी को भी ट्रेप करने में सक्षम हैं। इसके माध्यम से प्रजातियों की आबादी के आकर के बारे में भी जानकारी एकत्र करने में मदद मिलेगी। तेंदुए के पगमार्क, निशान, भौगोलिक स्थिति का भी पता लग सकेगा।