दमोह में सूदखोरों से परेशान बुंदेली कलाकार ने लगाई फांसी, कर्जदार कर रहे थे परेशान, बुंदेली फिल्मों में करता था काम

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Rajeev Upadhyay
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दमोह में सूदखोरों से परेशान बुंदेली कलाकार ने लगाई फांसी, कर्जदार कर रहे थे परेशान, बुंदेली फिल्मों में करता था काम

Damoh. पूरे बुंदेलखंड को अपनी अदाकारी से हंसाने वाले दमोह के 49 वर्षीय  बुंदेली कलाकार ने सूदखोरों से परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दो दिन से कर्जदार उन्हें लगातार परेशान कर रहे थे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बता दें दमोह जिले के पथरिया ब्लॉक के किशनगंज गांव में होटल चलाने वाले महेंद्र पिता राममनोहर गुप्ता शुक्रवार शाम नशे में घर पहुंचे। महेंद्र ने पत्नी से कुछ पैसे मांगे। पत्नी ने मना किया, तो पिता के पास गए, उनसे पैसे मांगे, लेकिन पिता ने भी पैसे देने से मना कर दिया। इसी बात से नाराज होकर महेंद्र ने कमरे में जाकर फांसी लगा ली। जब तक परिवार को पता चलता, उनकी मौत हो चुकी थी।



मनमाफिक ब्याज वसूल रहे थे सूदखोर




कलाकार महेंद्र गुप्ता के करीबियों ने बताया कि महेंद्र बहुत ही सज्जन थे। गांव में उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। चाय, समोसे की दुकान चला कर अपना परिवार पाल रहे थे। उनके दो बेटे हैं। गांव के कुछ लोगों ने उन्हें कर्ज दे रखा था। वे मन मुताबिक उनसे ब्याज वसूल रहे थे। महेंद्र लगातार कर्ज में डूबते जा रहे थे। इसी कारण शराब पीने लगे थे। ऐसा नहीं है कि उन्होंने पहली बार शराब पी हो और आत्महत्या कर ली। पहले भी कई बार शराब पी, लेकिन वह किसी से एक शब्द भी गलत नहीं बोलते थे।



कर्जदारों ने बनाया दवाब




शुक्रवार शाम कुछ कर्जदारों ने उनसे दबाव बनाकर पैसे मांगे थे। इसी कारण वह अपने घर पहुंचे और पत्नी और पिता से पैसे मांगे। जब पैसे नहीं मिले, तो उन्होंने घर के कमरे में जाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि शराब के नशे में ही महेंद्र गुप्ता ने आत्महत्या की है। परिजनों के बयान दर्ज किए जाएंगे, जिसके बाद मौत का वास्तविक कारण भी सामने आ सकेगा। शनिवार दोपहर महेंद्र गुप्ता का गांव में ही अंतिम संस्कार किया गया।




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  • पैसे नहीं मिले तो मौत को लगाना पड़ेगा गले




    कलाकार के कुछ करीबी लोगों ने बताया कि मृतक जब अपनी पत्नी से पैसे मांग रहा था, तो उसने कहा था कि आज उसे 3000 रुपए की बहुत जरूरत है किसी को देना है। पत्नी ने मना किया तो उसने कहा कि यदि आज पैसे नहीं मिले तो मरना पड़ेगा। इसके बाद उसने पिता से भी यही बात कही। परिवार के लोगों ने उसकी बात की गंभीरता नहीं समझी। उन्हें नहीं पता था, ऐसी घटना हो जाएगी। इस बातचीत के कुछ देर बाद उसने कमरे में जाकर फंदे से फांसी लगा ली और मौत हो गई।



    स्थानीय बुंदेली फिल्मों में करते थे एक्टिंग



    किशनगंज  के बुंदेली लोकगीत कलाकार जित्तू खरे बादल  बुंदेली गीत गाने के लिए मशहूर हैं। वह स्थानीय स्तर पर कई बुंदेली फिल्में बनाकर यूट्यूब पर जारी करते हैं। उन्हीं फिल्मों में महेंद्र गुप्ता कलाकारी करते थे । जित्तू खरे का कहना है कि महेंद्र गुप्ता बहुत ही सीधे व्यक्ति थे और अच्छी अदाकारी करते थे। उन्हें अदाकारी का शौक था, इसलिए उनकी कई बुंदेली स्थानीय फिल्मों में महेंद्र गुप्ता ने कलाकारी की है। उनकी इस तरह मौत पर उन्हें काफी दुख है। इसके अलावा पूरे बुंदेलखंड के कलाकारों ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा बुंदेली प्रतिभा के कलाकार का हमसे इस तरह से बिछड़ जाना एक सदमे की तरह है इस कमी की भरपाई करना मुश्किल है।


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