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SATNA. सागर के गढ़ाकोटा के पास मैहर के बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी सड़क हादसे का शिकार हो गए। उनकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में गाड़ी के पखच्चे उड़ गए, लेकिन राहत कि बात रही कि विधायक नारायण त्रिपाठी और उनका ड्राइवर बाल-बाल बच गए। ये हादसा मंगलवार को रात करीब 12 बजे हुआ था। विधायक नारायण त्रिपाठी ने वीडियो जारी करके खुद के सकुशल होने की सूचना दी।
बागेश्वर महाराज की कथा में शामिल होने जा रहे थे विधायक
मैहर विधायक ने बताया कि वे स्कॉर्पियो से पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा में शामिल होने जा रहे थे। इसी दौरान गढ़ाकोटा के पास ट्रक ने टक्कर मार दी। हालांकि हादसे में उन्हें किसी भी तरह की कोई चोट नहीं आई है।
'सभी शुभचिंतकों को धन्यवाद'
मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने वीडियो जारी कर अपने सकुशल होने की सूचना दी। विधायक त्रिपाठी ने वीडियो में कहा कि 11 अप्रैल रात करीब 12 बजे हम लोग स्कॉर्पियो वाहन से बागेश्वर महाराज की कथा के लिए जा रहे थे। उस दौरान ट्रक से हमारा एक्सीडेंट हो गया। वाहन में हम चार लोग थे। हम पूरी तरह स्वस्थ हैं। किसी को भी किसी तरह की चोट नहीं आई है। भगवान की कृपा से हम पूरी तरह स्वस्थ हैं, लेकिन गाड़ी के पूरी तरह परखच्चे उड़ गए हैं। सभी शुभचिंतकों को धन्यवाद, आभार, जो आप इतनी दुआएं देते हैं। इन्हीं दुआओं की वजह से हम ठीक हैं।
विंध्य पार्टी के गठन की घोषणा कर चुके हैं नारायण त्रिपाठी
नारायण त्रिपाठी को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की दो टूक, दिया बड़ा बयान
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— TheSootr (@TheSootr) April 12, 2023
बागी तेवर और अलग राजनीति के लिए पहचाने जाने वाले मैहर से बीजेपी के विधायक नारायण त्रिपाठी विंध्य पार्टी के गठन की घोषणा कर चुके हैं। ये घोषणा उन्होंने 10 अप्रैल, सोमवार को की थी। इसी के साथ उन्होंने मैहर में 2 से 7 मई तक बागेश्वर महाराज की कथा कराने की भी घोषणा की। विंध्य की 30 सीटों पर नारायण त्रिपाठी की नजर है।
अलग-अलग दलों से चुनाव जीत चुके हैं नारायण
मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी मैहर क्षेत्र से अलग-अलग दलों से चुनाव लड़कर जीत चुके हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त वे कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और इस्तीफा देकर 2016 में बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव में जीत दर्ज की। 2018 में बीजेपी ने फिर उन पर भरोसा जताया और वे फिर से निर्वाचित हुए। वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमा चुके हैं। हालांकि उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।