उज्जैन के ज्योतिषाचार्य का दावा- कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को मिल सकती है कामयाबी, केजरीवाल की दिक्कतें बढ़ेंगी

author-image
Neha Thakur
एडिट
New Update
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य का दावा- कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को मिल सकती है कामयाबी, केजरीवाल की दिक्कतें बढ़ेंगी

UJJAIN. मध्यप्रदेश महाकाल की नगरी उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अजय व्यास ने कर्नाटक चुनाव में बीजेपी की कामयाबी का दावा किया है। दरअसल, मंगल 10 मई 2023 दिन बुधवार को दोपहर 1 बजकर 44 मिनट से कर्क राशि में गोचर करेगा। मंगल ग्रह का मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश यह योग बना रहा है। वहीं 1 जुलाई, 2023 को तड़के 1:52 बजे तक कर्क में रहेंगे और इसके बाद मंगल सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में देश में होने वाले आगामी चुनाव में पीएम मोदी की खूब वाहवाही होगी, वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की समस्याएं बढ़ेंगी।



14.2 करोड़ मील दूर है मंगल



श्रीमांतगी ज्योतिष ज्योतिर्विद पंडित अजय व्यास के अनुसार, मंगल तल की आभा रक्तिम है, जिस वजह से इसे लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। हमारे सौर मंडल में ग्रहों की बात करें तो मंगल सूरज से 14.2 करोड़ मील की दूरी पर है। सौर मंडल में धरती तीसरे नंबर पर है, जिसके बाद चौथे नंबर पर मंगल है। ज्योतिष शास्त्र ग्रह के सकरात्मक नकारात्मक प्रभाव दोनों पड़ते हैं।



ये भी पढ़ें...



मप्र में सत्ता-संगठन में उपेक्षा से नाराज BJP नेताओं के दावे? हकीकत- हरेक को मिली सत्ता-संगठन की मलाई, ज्यादातर कई बार के विधायक



मंगल परिवर्तन से बढ़ेगी परेशानी



ज्योतिर्विद अजय व्यास के अनुसार, मंगल सूर्य से आगे मंगल के घर में राहु सूर्य होने कारण आकाशीय वज्रपात के साथ देश के बड़े बिजली संयत्र पावर हाउस घरेलू इलेक्ट्रानिक अग्नि कारक खराब होते हैं। लूटपाट, जघन्य हत्या, वारदात, वाहन दुर्घटना की सम्भावना और युद्ध जैसी समस्या बनी रहती है। जौ गेहूं, गुड़, चीनी, दवा, जड़ी-बूटी, भूमि, अनाज, महंगे वास्तुकार, आसमानी बिजली चमकना, प्रसाशनिक अग्नि कार्य करने वाले समस्या रहती है। जलीय वस्तु महंगी आंतकवादी घटनाएं हो सकती है।



मंगल मेष राशि पर करते हैं सवारी



मंगल भारद्वाज गोत्र के क्षत्रिय वर्ण माने जाते हैं। इनको अवन्ति का स्वामी कहा जाता है और ये मेष पर सवारी करते हैं। ये हमेशा लाल वस्त्र धारण करते हैं और गले में लाल रंग की माला पहनते हैं। ये अपने चार हाथों में गदा, शक्ति, वर और अभय धारण करते हैं। इनका प्रत्येक अंग कांतिवान होता है। ये मेष के रथ पर सुमेरु की प्रदक्षिणा करते हुए अपने अधिदेवता स्कन्द और प्रत्यधिदेवता पृथ्वी है, मंगल मेष राशि वृश्चिक के स्वामी मकर में उच्च कर्क में नीच के होते हैं। तीन चंद्र नक्षत्रों का भी स्वामी हैं, मृगशिरा, चित्रा एवं श्राविष्ठा या धनिष्ठा।



मंगल का स्थान है नेत्र



अंगारक (यानि अंगारे जैसा रक्त वर्ण), भौम (यानि भूमि पुत्र) भी कहा जाता है। गरुण पुराण के अनुसार, मनुष्य के शरीर में नेत्र मंगल ग्रह का स्थान है। यह रक्त, मांसपेशियों और अस्थि मज्जा गुदा पर शासन करता है। यदि किसी जातक का मंगल अच्छा हो तो वह स्वभाव से शारीरिक आत्मविश्वास साहसिक ऊर्जा निडर और पराक्रमी साहसी होगा तथा सेनापति युद्ध में वह विजय प्राप्त करेगा। लेकिन यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में बैठा हो तो जातक को विविध क्षेत्रों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। तांबा मंगल की प्रमुख धातु है। यह धातु औषधीय मानी जाती है और तमाम रोगों के निवारण में इसका प्रयोग होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह की दिशा दक्षिण मानी गई है।


PM Narendra Modi पीएम नरेंद्र मोदी MP News एमपी न्यूज karnataka election 2023 कर्नाटक चुनाव 2023 karnataka election prediction karnataka election bjp कर्नाटक चुनाव की भविष्यवाणी कर्नाटक चुनाव बीजेपी