संजय गुप्ता, INDORE. उज्जैन की केंद्रीय जैल भैरवगढ़ में हुए 15 करोड़ के जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड) की आरोपी जेल सुपरिंटेंडेंट उषा राज के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा द सूत्र कर रहा है। मैडम के लॉकर से जहां चार करोड का 3.7 किलो सोना मिल चुका है, वहीं मैडम ने अपने काले धन से एक शानदर लग्जरी कार खरीदी की तैयारी कर ली थी। मैडम की यह कार थी किया कॉर्निवाल लिमोजन प्लस व्हाइट कलर। इसकी कीमत 44 लाख रुपए है। द सूत्र के पास मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार मैडम फरवरी 2023 में इंदौर के निरंजनपुर स्थित एक कार शोरूम में अपनी बेटी और एक परिजन के साथ पहुंची थी। यहां उन्होंने कई लग्जरी कार देखी और फिर नजर टिकी लिमोजिन कार पर। इसकी कीमत 44 लाख थी। मैडम तत्काल तैयार हो गई और हाथोंहाथ वहां पर एक लाख डिपॉजिट भी कर दिया।
तीसरे व्यक्ति के नाम पर बैंक लोन अटक रहा था
मैडम कार जल्द लेना चाह रही थी, लेकिन थर्ड पार्टी के नाम पर बैंक लोन होने में देरी हो रही थी, क्योंकि एकदम कैश में कार खरीदते तो आयकर रिटर्न में दिख जाता (दस लाख से अधिक की कार, ज्वेलरी खरीदी पर शोरूम से जानकारी आयकर सर्वर पर जाती है), इसके चलते मामला उलझ जाता। इसलिए दिखाने के लिए डाउनपेमेंट एक लाख किया और बैंक लोन के लिए प्रोसेस शुरू कर दी, जिसमें देरी हो रही थी, इसलिए कार नहीं उठा सकी। इसी बीच यह घोटाला सामने आ गया।
यह है पूरा घोटाला
उज्जैन एसपी सचिन शर्मा के मुताबिक अभी तक 15 करोड़ के घोटाले की बात सामने आ चुकी है। इस मामले में पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज सहित 9 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कुछ लोग अभी भी फरार है। जेल के पूर्व लेखापाल रिपुदमन ने जेल अधीक्षक के साथ मिलकर 15 करोड़ रुपए का जीपीएफ निकाल दिया था। इस बात की भनक कर्मचारियों को भी नहीं लग पाई। इस पूरे मामले में भैरवगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज के बैंक खातों के बारे में जानकारी हासिल की गई तो पता चला कि उनका बैंक लॉकर भी है। हाल में जब लॉकर खोला गया तो उसमें 3.7 किलो सोना, 3 किलो चांदी सहित अचल संपत्ति के बारे में जानकारी मिली। आरोपी पूर्व जेल अधीक्षक से 3 करोड़ की रिकवरी की गई है।
67 कर्मचारियों का है यह फंड
उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के 67 कर्मचारियों के खाते से 15 करोड़ की जीपीएफ राशि निकाल ली। इस दौरान सरकारी प्रक्रिया पर भी सवाल उठ गए। जालसाजी के दौरान आरोपियों ने लूज पोल का फायदा उठाया था, उसकी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा दी गई है, जिसके बाद जीपीएफ निकालने की कुछ फेरबदल किया गया है।
आरोपियों की संपत्ति कुर्क कर होगी वसूली
जीपीएस घोटाले की राशि से सरकार को चपत लगाने वाले आरोपियों की संपत्ति का पता लगाया जा रहा है. उनकी संपत्ति को नीलाम करने के बाद उससे जो राशि प्राप्त होगी, वह शासन अपने खाते में जमा कर घोटाले की रिकवरी करेगा. पुलिस सभी कानूनी प्रक्रिया को अपना रही है. इसके अलावा आरोपियों की संपत्ति का भी पता लगाया जा रहा है।