हिमांशु अग्रवाल, CHHATARPUR. छतरपुर के जिला न्यायालय में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती 1998 लोकसभा चुनाव के दौरान हुए हमले के मामले में गवाही देने पहुंचीं। गवाही के बाद उमा भारती मीडिया से रूबरू हुईं और गुजरात हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि बड़ी चूक हुई। जितनी पुल की कैपेसिटी नहीं थी इतने लोगों को चलने की अनुमति दे दी थी। इसे लेकर गुजरात सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं।
हादसे से पीएम मोदी काफी दुखी-उमा
उमा भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं भी इस बात को लेकर काफी दुखी हुए हैं। हम उन सभी परिवारों के साथ दुख में शामिल हैं जिनके साथ हादसा हुआ है। इस मामले को लेकर उचित कार्रवाई हुई है। गुजरात की सरकार को साधुवाद करते हैं। पुल टूटने के पीछे दोषी की बात को लेकर बोलने की आमतौर पर टिप्पणी कर पाना मुश्किल है कि दोषी कौन है। फिलहाल घायलों को श्रद्धांजलि।
सरकार ऐसी नीति बना दे कि दुकानें खुले ही नहीं-उमा
शराबबंदी को लेकर उमा भारती के पहुंचने पर दुकानें बंद हो जाती हैं। इस पर उन्होंने कहा कि एक 1 साल से 6 महीने के अंदर ऐसी हालत कर दूंगी कि अधिकारी और प्रशासनिक तंत्र सब दहशत में आ जाएंगे। क्योंकि भय बिन प्रीत ना होई। आने वाले समय में कुछ ऐसा हो जाएगा मैं आई तो तुरंत दुकानें बंद हो गईं और मेरे जाने के बाद तुरंत दुकानें खुल गईं। मैं नहीं मानती, कोई तीस मारखा नहीं, मैं 60 मारखा बनना चाहती हूं कि सरकार ऐसी नीति बना दे कि दुकानें खुले ही नहीं।
1998 में उमा भारती पर हुआ था हमला
1998 में फरवरी में लोकसभा चुनाव के दौरान उमा भारती खजुराहो संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की प्रत्याशी थीं। 8 फरवरी को शाम को चंद्रनगर में उन पर हमला किया गया था। दिन में करीब साढ़े 3 बजे उमा भारती जैसे ही आम रोड पहुंची थीं। आरोपियों ने उनके वाहन के सामने जीप लगा दी थी। आरोपियों ने इसके बाद पथराव किया और गोली चलाई थी।