BHOPAL. बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बचपन से जुड़ी एक अनूठी कहानी सामने आई है, इसे उनके बचपन के मुस्लिम मित्र डॉक्टर शेख मुबारक ने खुद साझा किया है। उन्होंने बताया कि धीरेंद्र शास्त्री ने कुरान का भी अध्ययन किया है। कुरान को लेकर भी उन्होंने कई बार मौलाना से सत्संग और परिचर्चा भी की है
अंधविश्वास के आरोपों से बटोरी सुर्खियां
बागेश्वर धाम महाराज नागपुर के श्याम मानव संस्था द्वारा अंधविश्वास फैलाने के आरोपों के बाद से ही वे लगातार इन दिनों सुर्खियों में हैं। शनिवार को नागपुर की संकट मोचन समिति ने श्याम मानव की अर्थी निकाली और चौक बाजार पर ठठरी भी जलाई। इस दौरान बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के लोग मौजूद रहे।
शास्त्री ने 41 दिन जंगल में किया तप, फिर धर्म की ओर मुड़ गए
डॉक्टर शेख मुबारक ने बताया कि एक बार वे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ पन्ना में हीरा खोजने के लिए भी गए थे। मगर आर्थिक तंगी के चलते उन्हें जल्द वापस आना पड़ा। इसके बाद शास्त्री 41 दिनों के लिए जंगल में जप तप के लिए चले गए, जहां से लौटकर वे धर्म की ओर मुड़ गए।
धीरेंद्र शास्त्री को बचपन में धीरू के नाम से बुलाते थे
शेख मुबारक ने बताया कि धीरेंद्र शास्त्री की बचपन में आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। इसके चलते डॉ. शेख मुबारक ने उनकी बहन की शादी के लिए 20 हजार रुपए की आर्थिक मदद भी की थी। उनकी दोस्ती काफी समय पहले हो गई थी। हालांकि, वे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से उम्र में बड़े हैं, जो धीरेंद्र शास्त्री को बचपन में धीरू के नाम से बुलाते थे।
अंधविश्वास के आरोप लगे तो देशभर में मचा बवाल
गौरतलब है कि बागेश्वर धाम सरकार को नागपुर में अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति की तरफ से चुनौती दी गई थी। इसपर देशभर बवाल मच गया था। हिंदू संगठनों ने भी अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव का पुतला दहन किया था। वहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर के दिव्य दरबार में श्याम मानव को आमंत्रण दिया था। उन्होंने चुनौती स्वीकार करते हुए किराए का खर्चा भी उठाने का बयान दिया था। तब से ये मामला देशभर चर्चा का विषय बना हुआ है।