देव श्रीमाली, GWALIOR. चुनाव आते ही अब नेताओं को एक बार फिर चंबल से पानी लाकर ग्वालियर की प्यास बुझाने की बहुप्रतीक्षित योजना को लाने की चिंता सताने लगी है। यह योजना बीते दो दशक से हर चुनाव के वक्त चर्चा का विषय बनी रहती आई है, लेकिन अब तक यह डीपीआर बनाने से लेकर आगे नहीं बढ़ सकी है। 20 फरवरी, सोमवार को एक बार फिर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा किया कि चंबल से ग्वालियर पानी लाने की महत्वाकांक्षी योजना को तीन भागों में मंजूर किया जाएगा, जिस पर 906 करोड़ रुपए खर्च करके पूरे शहर के लिए आगामी 50 सालों के लिए पीने के पानी का इंतजाम किया जाएगा।
विकास कार्यों की समीक्षा बैठक हुई
सिंधिया इन दिनों ग्वालियर संभाग में तीन दिन के दौरे पर आए हुए हैं। उन्होंने यहां स्मार्ट सिटी से जुड़े और अन्य विकास कार्यों की बैठक ली। बैठक में सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह और बीजेपी के अनेक नेता मौजूद थे। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि आज शहर के विकास से जुड़ी अनेक योजनाओं की हम लोगों ने समीक्षा की । ग्वालियर की सबसे महत्वाकांक्षी चंबल से पानी लाने की योजना तीन चरणों में पूरी होगी। 906 करोड़ रुपए इस पर खर्च होंगे, जिसके तीन भाग हैं। इसके पहले भाग में चंबल से ग्वालियर तक पानी लाने का है। यह 150 एमएलडी पानी लाने की योजना है, जिससे आगामी 50 वर्षों तक ग्वालियर के लोगों को पेयजल मुहैया कराया जा सकेगा। इस पर 375 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
ये भी पढ़ें...
शहर के पुराने सभी 60 वार्ड में पानी सप्लाई की व्यवस्था होगी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दूसरे भाग में ग्वालियर शहर के पुराने सभी 60 वार्ड में पानी सप्लाई की व्यवस्था होगी। इस पर 380 करोड़ रुपए व्यय होंगे और तीसरे चरण में ग्रामीण से नए जुड़े वार्ड 61 से 66 तक के वार्डों में पानी की आपूर्ति करने की योजना शामिल रहेगी। इस पर 150 करोड़ खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि हम लोगों ने तय किया है कि तीनों चरणों की स्वीकृति मिलने के बाद ही काम शुरू किया जाए और हमें उम्मीद है कि इन्हें जल्द मंजूरी मिल जाएगी।
महाराजबाड़ा का होगा और सौन्दर्यीकरण
मंत्री सिंधिया ने कहा कि आने वाले आठ-नौ महीने में ग्वालियर की तस्वीर बदलती दिखेगी, जिसमें मई के महीने में स्मार्ट सिटी के कार्य को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। महाराज बाड़े के सौंदर्य के लिए भी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। महाराज बाड़े पर सीमेंटेड फर्श के के साथ ही लॉन बनाकर हरियाली बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। महाराज बाड़े पर अलग-अलग शैलियों में, जो इमारतें बनी हैं पूरे विश्व में ऐसा अनूठा स्थल और कोई नहीं हैं। यहां छापाखाना में गर्वमेंट प्रेस की बिल्डिंग में इंडस्ट्रियल म्यूजियम बनाने पर विचार किया जा रहा है। वहीं इस म्यूजियम में महिला स्वयं सहायता समूह को भी एक अलग से स्थान उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे यहां अपने उत्पादों का प्रचार प्रसार कर सकें।
शहर को परकोटे में बांध कर बनाए जाएंगे चार एंट्री गेट
मंत्री सिंधिया ने बताया कि शहर के अलग-अलग चार द्वारों पर शहर में प्रवेश के लिए एंट्री गेट भी बनाए जाएंगे, जिन्हें ग्वालियर की कला और संस्कृति से संवारा जाएगा। साथ ही इन एंट्री गेट पर ग्वालियर के इतिहास की जानकारी भी प्रदर्शित की जाएगा।
नैरोगेज ट्रैक का इस्तेमाल हैरीटेज रेल के रूप में करने का प्रस्ताव बनाया
मंत्री ने ये भी बताया कि ग्वालियर में रियासत काल से चल रही नैरोगेज ट्रेन जो कि फिलहाल बंद है, उसके कोच और रेलवे ट्रैक का इस्तैमाल एक हैरिटेज रेल चलाने के रूप में हो सकता है। इसके लिए रेलवे मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। इस हैरीटेज ट्रेन का संचालन किस आधार पर होगा। इस पर विचार विमर्श चल रहा है। इसके साथ ही शहर में मोनो रेल का एक नया मॉडल लाने पर भी विचार किया जा रहा है, जिसमें गोले का मंदिर से अचलेश्वर किलागेट तक एक आधुनिक मोनो रेल चलाने पर विचार है। इसके लिए रेलवे मंत्रालय से चर्चा जारी है।
एलीवेटेड रोड बनने के बाद सुधरेगी शहर के ट्रैफिक व्यवस्था
शहर में ट्रैफिक की बिगड़ी चाल को लेकर जब पत्रकारों ने सिंधिया से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि शहर में ट्रैफिक की समस्या का निदान करने के लिए एक स्थाई हल ढूंढा जा रहा है। जिससे सदियों तक शहर में ट्रैफिक बेहतर रूप से संचालित हो सके। इसके लिए एलीवेटेड रोड एक बड़ा समाधान बनेगी और इस आधुनिक सड़क बनने के बाद शहर में ट्रैफिक की समस्या का एक बड़ा निदान हो सकेगा।
ग्वालियर के ग्रीन फील्ड योजना से बाहर होने पर सिंधिया ने दी सफाई
ग्वालियर शहर के ग्रीन फील्ड योजना से बाहर होने पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने सफाई देते हुए कहा कि हमारी कई अभिलाषाएं और आशाएं हैं। ग्रीन फील्ड के लिए सभी ने मिलकर कार्योजना बनाकर प्रस्ताव रखा था, लेकिन हम कभी सफल होते हैं तो कभी सफलता नहीं मिलती है। कोरोना काल के बाद शहर को करोड़ों की योजनाएं मिली हैं और शहर का विकास अब कोई रोक नहीं सकता है।