देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर में मोटे अनाज के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए एक अनूठा आयोजन किया गया। यहां आयोजित एक कार्यशाला में सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ीं लगभग 400 दीदियों ने मोटे अनाज से तरह-तरह के पकवान बनाकर उनकी प्रदर्शनी लगाई।
पोषक तत्वों से भरपूर होते है मिलेट्स
मिलेट्स अर्थात मोटे अनाज सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए इनकी उपयोगिता जगजाहिर है। आवश्यकता इस बात की है कि मोटे अनाजों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ प्रसंस्करण गतिविधियों के जरिए उद्यमिता को भी बढ़ावा दिया जाए। इससे स्वास्थ्यवर्धक अनाजों के क्षेत्र में किसानों एवं कृषि उद्यमियों के लिए रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। यह बात कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने 'मिलेट्स उत्पादन, प्रसंस्करण एवं व्यंजन' विषय पर आयोजित हुई कार्यशाला में मौजूद प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कही। नाबार्ड एवं राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि के सेंटर फॉर एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेसन एंड इंटरप्रेन्योरशिप (सीएआईई) द्वारा कृषि महाविद्यालय ग्वालियर के सभागार में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरविन्द कुमार ने की।
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अतिथियों ने व्यंजनों का लुत्फ भी उठाया
कार्यशाला में स्व-सहायता समूहों से जुड़ीं लगभग 400 दीदियों ने हिस्सा लिया। इन्होंने इस अवसर पर मिलेट्स (मोटे अनाज) के एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट व लजीज व्यंजन इस मौके पर बनाकर दिखाए। इन व्यंजनों का अतिथियों सहित सभी प्रतिभागियों ने स्वाद लिया। कार्यशाला में नाबार्ड के महाप्रबंधक कमर जावेद, वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञ एवं कृषि, उद्यानिकी और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
मोटे अनाज का हो विविधीकरण
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शुक्ला ने कहा कि मोटे अनाजों के क्षेत्र में फसल विविधीकरण किया जाना बहुत जरूरी है। हमें लोगों को भी मोटे अनाजों की पोषण गुणवत्ता एवं उपयोगिता से परिचित कराना होगा, जिससे मोटे अनाजों की खपत बढ़ने से लोगों के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा।
नाबार्ड करेगा मिलेट्स को बढ़ावा देने में मदद
नाबार्ड के महाप्रबंधक कमर जावेद ने बताया कि नाबार्ड द्वारा स्थापित इंक्यूबेशन सेंटर मिलीट्स को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों की दीदियों को इसी उद्देश्य से नाबार्ड ने कार्यशाला के माध्यम से अपने व्यंजनों को प्रदर्शित करने के लिए मंच उपलब्ध कराया है। कार्यशाला में जानकारी दी गई कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है। इस अवसर पर कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि भविष्य मोटे अनाजों का है। यह अनाज स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है। मोटे अनाज के क्षेत्र में किसानों एवं कृषि उद्यमिता की अपार संभावनाएं हैं। कृषि विशेषज्ञों ने पोषक अनाज के टिकाऊ उत्पादन और गुणवत्ता सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित किया। साथ ही उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विकास एवं विस्तार सेवाओं में निवेश बढ़ाने पर ध्यान देने की बात कही।
ये भी रहे मौजूद
कार्यशाला में उपसंचालक कृषि विभाग, उपसंचालक उद्यानिकी विभाग, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र ग्वालियर, यशोदा हॉस्पीटल एवं इंस्टीट्यूट आफ होटल मैंनेजमेंट (आईएचएम) से आये विशेषज्ञ मौजूद रहे।