भोपाल निगम परिषद की बैठक में विंड एनर्जी प्रोजेक्ट पर हंगामा, अध्यक्ष की आसंदी के सामने पहुंचे कांग्रेस पार्षद

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The Sootr
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भोपाल निगम परिषद की बैठक में विंड एनर्जी प्रोजेक्ट पर हंगामा, अध्यक्ष की आसंदी के सामने पहुंचे कांग्रेस पार्षद

BHOPAL . भोपाल नगर निगम परिषद में बैठक की शुरुआत सबसे पहले वंदे मातरम गायन के हुई। प्रश्नकाल शुरू होने से पहले मेयर मालती राय बोलने के लिए उठीं। उन्होंने नीमच में लगाए जाने वाले सौलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट पर बात रखी। उन्होंने विंड एनर्जी प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी। महापौर ने कहा कि लोन लेने के बावजूद निगम फायदे में रहेगा। यह शहर हित का प्रस्ताव है। उन्होंने निगम कमिश्नर से कहा कि प्रोजेक्ट में नवकरणीय ऊर्जा विभाग के एक्सपर्ट की टीप लेने की बात कहीं। वहीं, महापौर ने एजेंडे के बारे में भी बताया। इसके बाद एजेंडे से विंड एनर्जी के प्रस्ताव को हटा दिया गया। बैठक का एजेंडा पहले ही जारी हो चुका है। इसमें नीमच में लगने वाले 15 मेगावॉट विंड और 21 मेगावॉट सोलर प्रोजेक्ट शामिल हैं। वहीं, जोन-9, 10, 11, 16 और 17 में करीब 58 करोड़ रुपए के नाला-नाली निर्माण के प्रस्ताव भी रखे जाएंगे। एजेंडे में सड़क, पानी जैसे मुद्दे नहीं होने से नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी और कांग्रेस पार्षद विरोध कर रहे हैं।



 महापौर ने कहा- विंड एनर्जी प्रोजेक्ट के एजेंडे को आगे बढ़ाएं 



 बैठक में जब विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया तो निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने नेता प्रतिपक्ष को बैठने और महापौर को संबोधन जारी रखने की बात कहीं। महापौर ने विंड एनर्जी प्रोजेक्ट के एजेंडे को आगे बढ़ाने की बात कहीं। इस पर नेता प्रतिपक्ष जकी, पार्षद योगेंद्र सिंह गुड्‌डू चौहान, समर हुजूर ने पूछा कि अभी एजेंडा तो हट जाएगा, लेकिन क्या आगे फिर से बैठक में इसे लाया जाएगा? बीजेपी के पार्षद रवींद्र यति ने भी अपना पक्ष रखा। बैठक में अतिक्रमण अधिकारी कमर शाकिब को हटाने के मुद्दे पर विपक्ष हमलावर है। कांग्रेस पार्षद मो. सरवर भी इसी मुद्दे पर बोले। करीब 20 मिनट तक इस मुद्दे पर चर्चा होती रही तो पार्षद पप्पू विलास ने इतने देर बहस को ठीक नहीं बताते हुए विषय को खत्म करने का सुझाव दिया। बीजेपी पार्षद देवेंद्र भार्गव ने भी विषय को खत्म किए जाने की बात कहीं।



नोंकझोंक होने के बाद साढ़े 12 बजे प्रश्नकाल शुरू



करीब एक घंटे पक्ष-विपक्ष के बीच मुद्दों पर नोंकझोंक होने के बाद साढ़े 12 बजे से प्रश्नकाल की शुरुआत हुई। पार्षद प्रवीण सक्सेना ने कर्मचारियों के वेतनमान समेत रिक्त पदों का विषय उठाया। उन्होंने पिछले एक साल के आय-व्यय का पत्रक सदन में रखने की मांग की। इसका जवाब देने के लिए एमआईसी सदस्य रवींद्र यती उठने लगे तो विपक्ष ने आपत्ति ली। कहा कि लोकहित के विषयों पर महापौर ही जवाब दे सकती है। कुछ देर तक बहस हुई। हालांकि, पार्षद सक्सेना ने कहा कि यदि एमआईसी मेंबर जवाब देना चाहते हैं तो दे दें। इसके बाद यती ने जवाब देना शुरू किया। जवाब को लेकर नेता प्रतिपक्ष जकी संतुष्ट नहीं दिखाई दी।



कुर्सी से उठकर अध्यक्ष के सामने पहुंच गए कांग्रेस पार्षद



अतिक्रमण अधिकारी समेत अन्य मुद्दे जो पिछली मीटिंग में उठे थे, उन पर क्या कार्रवाई हुई इसे लेकर कांग्रेस पार्षद कुर्सियों से उठकर अध्यक्ष सूर्यवंशी के सामने पहुंच गए। अध्यक्ष ने समझाइश देकर पार्षद को वापस लौटाया। बैठक के दौरान जब नियमों की बात कही तो पार्षद विलास ने बैठक के देरी से होने का मुद्दा उठा दिया। उन्होंने कहा कि नियमानुसार दो महीने के भीतर मीटिंग होना चाहिए थी, जबकि यह मीटिंग 20 दिन लेट क्यों हो रही है? अध्यक्ष सूर्यवंशी ने कहा कि निगम अफसर आगे से ध्यान रखें और समय पर मीटिंग आयोजित करें। एक्ट का अमल करें। बैठक में निगम की वेबसाइट अपडेट करने, पार्षदों को कार्ड देने की मांग भी की गई।



शहर में 600 से ज्यादा अवैध टॉवर, ये सबसे बड़ा घोटाला



नेता प्रतिपक्ष समेत पार्षद अजीजउद्दीन, पप्पू विलास आदि पार्षदों ने अवैध मोबाइल टॉवरों का मुद्दा उठाया। पार्षद अजीजउद्दीन ने कहा कि शहर में 600 से ज्यादा अवैध टॉवर लग गए हैं। इसमें निगम के अफसर-कर्मचारी भी शामिल हैं। ये बड़ा घोटाला हो सकता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि घोटाले को शह देने वालों के नाम की शिकायत लोकायुक्त में की जाएगी। इस पर बीजेपी पार्षदों ने भी हंगामा कर दिया।


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