Damoh. दमोह पुलिस ने बस और ट्रेन में मोरपंख बेचने के बहाने चोरियां करने वाले उत्तरप्रदेश के एक अंतरर्राज्यीय चोर गिरोह के आधा दर्जन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के पास से चोरी किए गए सामान को भी जब्त किया है। गुरुवार को दमोह एसपी राकेश कुमार सिंह ने इस पूरे मामले का खुलासा किया। एसपी ने बताया सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के रहने वाले हैं। जो मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में गिरोह बनाकर बस और ट्रेन में यात्रियों के सामान की चोरी किया करते थे।
दो फरवरी को इन्हीं आरोपियों ने दमोह बस स्टैंड से एक महिला का बैग चोरी किया था। जिसमें उसके सोने के जेवरात शामिल थे। मुखबिर की सूचना पर आरोपियों को पकड़ा तो पूछताछ में उन सभी ने चोरियां कबूल की है। एसपी ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वह जिस भी जिले में जाकर चोरियों की घटना को अंजाम देते हैं। उसी जिले में किसी भी एक घर में किराए का मकान लेकर रहते हैं। इसके बाद वह रेकी करते थे और चोरियों को अंजाम देते थे।
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दो फरवरी को थाना रनेह के बरखेड़ा निवासी पुष्पेंद्र पटेल ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी पत्नी का एक बैग बस स्टैंड से चोरी हुआ है। जिसमें कीमती सामान रखा था। इसके बाद कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसमें 10 आरोपियों को पकड़ा है। पकड़े गए आरोपियों में चोरी में संलिप्त अन्तर्राज्यीय गिरोह के सदस्य आनंद बलिया, रोहित कुमार, शनि बहेलिया, प्रीतम बहेलिया, फोतदार बहेलिया और रवि कुशवाहा सभी निवासी आनंदला फसल, थाना कुरावली जिला मैनपुरी उत्तर प्रदेश शामिल हैं। आरोपियों के पास से एक रानी हार, छोटा हार, एक चांदी की थाली, मोरपंख सहित करीब ढाई लाख रुपये की सामग्री जप्त की गई।
ध्यान भटका कर पार कर देते थे सामान
एसपी ने बताया कि यह शातिर गिरोह के सदस्य पहले बस और ट्रेन में यात्रियों को चिन्हित कर इस बात की पुष्टि करते थे। किस व्यक्ति के कौन से बैग में कीमती सामग्री हो सकती है। इसके बाद ये लोग यात्री के आसपास खड़े होकर उस यात्री का ध्यान भटकाते और फिर उसके कीमती सामान से भरे बैग को चोरी कर लेते थे। इतना ही नहीं, चोरी करने के तत्काल बाद सभी आरोपित आपस में चोरी किए सामग्री का बंटवारा कर लेते थे। आरोपियों के पास से एक तराजू भी जब्त की गई है। जिससे सामान की तौल करके आपस में बराबर बांटते थे।
मोर पंख बेचने के बहाने करते थे चोरियां
एसपी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि यह ग्रुप बस और ट्रेन में मोर पंख बेचते थे और इसी दौरान यात्रियों के सामान को भांप लेते थे, जिसमें कीमती सामान होता था। आमतौर पर लोग अपने कीमती सामान से भरे बैग की ज्यादा सुरक्षा करते हैं और यही इन आरोपियो के लिए पहचान करने का तरीका होता था। मोर पंख बेचने के बहाने उस यात्री के आसपास घूमते थे और बाद में यात्री का ध्यान भटका कर सामान पार कर देते।