UJJAIN. उज्जैन में केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में हुए 13 करोड़ 50 लाख से ज्यादा के GPF घोटाले में पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में जांच के बाद कार्रवाई हुई है। उषा राज द्वारा वित्तीय अनियमितता बरतने पर गाज गिरी है। उज्जैन जेल अधीक्षक के पद से हटाने के बाद उन्हें भोपाल मुख्यालय अटैच किया था। 18 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
उज्जैन में जेल अधीक्षक उषा राजे को पुलिस ने किया गिरफ्तार...#ujjain #ujjainnews #ujjainpolice #UshaRaje
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— TheSootr (@TheSootr) March 18, 2023
कलेक्टर ऑफिस ने क्या लिखा?
जिला कोषालय (ट्रेजरी) में भैरवगढ़ के कर्मचारियों का जीपीएफ ट्रांसफर करते समय पाया गया कि राशि एक की अकाउंट में ट्रांसफर की जा रही थी, जबकि ये रकम संबंधित कर्मचारी के खाते में जानी थी। जिला कोषालय के 4 अफसरों ने जांच की। इसमें पता चला कि 13 करोड़ 50 लाख 46 हजार 325 रुपए का हेरफेर सामने आया। इसमें यह ध्यान देने योग्य है कि केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के डीडीओ के अधिकार जेल सुपरिंटेंडेंट के पास रहते हैं। जांच में ये भी पता चला कि पूरी राशि जेल सुपरिंटेंडेंट की अनुमति और दस्तखत से ही ट्रांसफर की गई। मामले की गहन जांच के लिए एक हाईलेवल कमेटी बनाई जानी चाहिए।
GPF ट्रांजेक्शन में मिली गड़बड़ियां
इस मामले में जिला कलेक्टर द्वारा 11 मार्च को जिला कोषालय उज्जैन के प्रारंभिक जांच में केंद्रीय जेल के फर्जी दस्तावेज के आधार पर जीपीएफ ट्रांजेक्शन में गड़बड़ियां मिली। जिसमें से राशि एक ही खाते में ट्रांसफर कर अनियमित फर्जी भुगतान IFMIS सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से किए जाने की जानकारी दी थी। 13 करोड़ 50 लाख 46,325 रुपए की राशि का अनियमित भुगतान हुआ था। इस मामले के सामने आते ही जेल मुख्यालय द्वारा जेल उप महानिरीक्षक (कल्याण) की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित की गई। जिसकी जांच में लगभग 15 करोड़ का अनियमित भुगतान और गबन किया जाना पाया गया।
कर्मचारियों के परिजन ने मनाया जमकर जश्न
अधीक्षिका उषा राज को हटाए जाने पर भैरवगढ़ केंद्रीय जेल के बाहर जेल कर्मचारियों के परिवारों ने ढोल बजाकर और पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। बता दें कि अधीक्षका ने कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते से 15 करोड़ से ज्यादा निकालकर हड़प लिए।वहीं आज नई जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे ने सेंट्रल जेल भैरवगढ़ पहुंचकर पदभार ग्रहण कर लिया। इसके बाद उन्होंने जेल अधिकारियों को साथ लेकर भैरवगढ़ जेल का निरीक्षण किया।
जेल में संचालित होती थी अवैध गतिविधियां
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधीक्षिका उषा राज पर जेल के भीतर कई तरह की अवैध गतिविधियां संचालित करने का भी आरोप है, उषा राज ने उज्जैन के एक कथित पत्रकार के माध्यम से वसूली से जुड़ी गतिविधियां भी संचालित की थीं। सूत्रों के अनुसार इस मामले में शिकायत सीधे भोपाल मुख्यालय पहुंची थी, जिसके बाद मामला उजागर हुआ, वहीं बाताया जा रहा है कि इस मामले में अधीक्षिका उषा राज सभी संबंधित दस्तावेज लेकर फरार होने की फिराक में थी लेकिन उससे पहले ही उनको हिरासच में ले लिया।
SIT ने मांगी संपत्ति की जानकारी
पुलिस की एसआईटी प्रमुख डॉ. इंद्रजीत बाकलवार के साथ साइबर व थानों की टीम के साथ ही एक्सपर्ट भी गबन कांड की तह तक जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं। 16 मार्च को कुछ खातों में करोड़ों का लेन-देन भी सामने आया। डेढ़ साल के दौरान फरार बाबू ने आगर रोड विनायक ग्रीन सिटी में एक बाद एक तीन प्लॉट खरीदे। एक सिपाही ने जेल अधिकारी को जन्मदिन पर 80 हजार रुपए की डायमंड रिंग भी गिफ्ट दी थी। सीएसपी अनिल मौर्य ने बताया कि नगर निगम, रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर फरार व संदेही आरोपियों की संपत्ति संबंधी जानकारी मांगी गई है।
मीडिया से बोलीं राजे- मुझे फंसाया गया
जेल अधीक्षक ने मीडिया से कहा कि मैं पूरी तरह बेकसूर हूं। जेल में मेरे खिलाफ साजिश रची गई है। मुझे अभी रिलीव भी नहीं किया गया। मेरे लिए तो अच्छा है कि मैं इस टेंशन से दूर रहूंगी। रिलीव नहीं होने के बावजूद मुझसे मेरा स्टाफ वापस ले लिया गया। ये गलत है। मामले की जांच चल रही है। सच्चाई सामने आएगी। साइबर क्राइम हुआ है। मैं खुद भी मामले की जांच की मांग कर रही हूं। मुझे फंसाया गया है।
देवास जेल अधीक्षक को अतिरिक्त प्रभार
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ उज्जैन की अधीक्षिक उषा राज को जीपीएफ घोटाले की वजह से पद से हटा दिया गया था। जांच पूरी होने के बाद जेल मुख्यालय ने उषा राज को जेल मुख्यालय भोपाल पर अस्थाई रूप से तैनात कर दिया है। उषा राजे की जगह देवास की जेल सुपरिटेंडेंट हिमानी मनवारे को उज्जैन जेल का अतिरिक्त प्रभार अस्थाई रूप से सौंपा गया है। स्पेशल डीजी अरविंद कुमार के निर्देश के बाद कार्रवाई हुई है।