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INDORE. निगम चुनाव (municipal elections) में हार के बाद कांग्रेस (Congress) के अंदर सिर फुटव्वल की नौबत दिखने लगी है। राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक संजय शुक्ला (MLA Sanjay Shukla) की कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी (Congress MLA Jitu Patwari) के साथ विवाद की चर्चा 20 जुलाई को दिन भर गर्म रही। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के दिन संजय शुक्ला और देपालपुर से कांग्रेस विधायक विशाल पटेल (Vishal Patel) दोनों एक साथ कार से भोपाल के लिए रवाना हुए थे। इस दौरान दोनों के बीच हार के कारणों को लेकर चर्चा हुई, इसमें सामने आया कि पटवारी, कांग्रेस नेता पंकज संघवी और कुछ लोगों ने जमकर शुक्ला को लेकर गलत बयानबाजी (Rhetoric) की है। हार से भन्नाए शुक्ला ने फिर कार से ही अपने कई लोगों को फोन लगाए और उन्हें भी फीडबैक मिला।
वोट डालने गए तो सामने दिख गए पटवारी
इसके बाद जैसे ही वह वोटिंग के लिए विधानसभा में पहुंचे, सामने ही पूर्व मंत्री जीतू पटवारी दिख गए। उन्हें देखते ही शुक्ला ने जमकर गुस्सा निकाला और कहा कि तुम्हारे कारण हार हुई है। 30 हजार की लीड बीजेपी को दिला दी। इस पर पटवारी भी बोल पड़े कि खुद अपनी विधानसभा तो संभली नहीं, मुझे बोल रहे हो। इस विवाद के दौरान बहस बहुत बढ़ गई, तब वहां मौजूद अन्य कांग्रेसियों ने उन्हें समझाकर दूर किया। इसके बाद जूती पटवारी, संजय शुक्ला को अपने साथ भोपाल के घर ले गए। वहीं सज्जन वर्मा और अन्य कांग्रेसी भी पहुंच गए और मान-मनोव्वल का दौर चलता रहा। लेकिन बात नहीं संभली। रात को संजय पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिले और उन्हें इंदौर में किसी भी कांग्रेस नेता द्वारा सपोर्ट नहीं करने की बात रखी। शुक्ला ने यहां तक बोल दिया कि इंदौर में यह (पटवारी) अपनी चलाएंगे या फिर अपने हिसाब से काम करूं। कमलनाथ ने कहा कि नहीं पार्टी मिलकर काम करेगी, आपकी बात सुनी जाएगी। बाद में फिर शुक्ला इंदौर लौट आए।
इस तरह का मिला था फीडबैक
सूत्रों के अनुसार शुक्ला को फीडबैक मिला था कि पटवारी ने अपने समर्थकों से कहा कि तुम तो नेता प्रतिपक्ष की तैयारी करो, कुछ नहीं होना महापौर पद का। मैं तुम्हारी मदद करूंगा। इसी तरह संघवी ने यह बात कही कि मैं क्यों शुक्ला की मदद करूं, मैं जब चुनाव लड़ा था, महापौर का तो क्या उन्होंने मदद की थी? बताया जा रहा है कि शुक्ला शहराध्यक्ष विनय बाकलीवाल सहित अन्य कांग्रेसियों से भी मदद नहीं मिलने से काफी खिन्न थे और यह सभी बातें उन्होंने कमलनाथ को बताई है।