संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में नाइट कल्चर के खिलाफ एक बार फिर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय उतर आए हैं। उन्होंने साफ कहा कि नाइट कल्चर संस्कारी नहीं है और नौजवानों को संक्रमित कर रहा है। हमारे इंदौर में सराफा जैसा संस्कारी नाइट कल्चर था, जहां परिवार अपने बच्चों को लेकर देर रात को भी बेहिचक जा सकते है। नाइट कल्चर से नशाखोरी बढ़ती है। जब विजयवर्गीय से पूछा गया कि आप नाइट कल्चर के पक्ष में हैं क्या? उन्होंने तत्काल कहा मैं तो इसका घोर विरोधी हूं। पुलिस और प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। इस पर कंट्रोल होना चाहिए। इसके पहले भी बीजेपी के स्थानीय नेता इस कल्चर को लेकर विरोध जता चुके हैं, बुद्धिजीवी वर्ग भी इसे लेकर सभी सुझाव पुलिस, प्रशासन को दे चुका है, लेकिन इसके बाद भी बात वहीं के वहीं हैं।
कुछ माह पहले गृहमंत्री बोल गए थे 24 घंटे में करेंगे फैसला
कुछ माह पहले गृहमंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा इंदौर में बोल गए थे कि बस आज सभी बैठ रहे हैं और हम 24 घंटे में ही इस पर फैसला ले लेंगे। बैठक भी हुई, इसमें स्थानीय नेताओं ने फिर इस सिस्टम का विरोध किया, लेकिन बात आई-गई हो गई और इसे लेकर कोई फैसला नहीं हुआ। बस बात यहीं तक घूमती है कि पुलिस और प्रशासन इस पर नियंत्रण रखेंगे और कसावट लाएंगे। पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन भी इसे लेकर आपत्ति जता चुकी है।
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आखिर क्यों नहीं हो रहा है यह फैसला वापस?
दरअसल, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और प्रवासी भारीतय दिवस के पहले इंदौर को देश और दुनिया का बेहतर शहर बताने और रात भर वर्क कल्चर वाला शहर बताने के चक्कर में तत्कालीन अधिकारियों से लेकर खुद सांसद व अन्य नेताओं ने नाइट कल्चर की वकालत सीएम शिवराज सिंह चौहान से की थी। सीएम को केवल अच्छी बातें बताई गई। नतीजतन इसे लागू भी कर दिया गया और तब सभी ने जमकर अपनी पीठ थपथपाई और कहा गया कि इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। अर्थव्यवस्था में पर लग जाएंगे, लेकिन आमजन को जो आशंका थी अंतत: वही हुआ और रात भर चौराहों पर युवाओं की भीड़ खड़ी होने लगी। नशे में धुत युवाओं के वीडियो वायरल होने लगे। अब समस्या यह है कि सीएम की योजना और आदेश से यह नाइट कल्चर लागू हुआ है तो फिर इसे वापस कैसे लिया जाए। अब स्थानीय नेताओं के बैकफुट पर आने के बाद भी इसे वापस लेने पर कोई फैसला नहीं हो रहा है।
आपदा प्रबंधन को लेकर भी हुई बैठक
रेसीडेसी कोठी पर हुई बैठक में विजयवर्गीय के साथ ही सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायकगण, पुलिस कमिशनर मकरंद देउस्कर, कलेक्टर डॉ. इलैया राजाटी व निगमायुक्त हर्षिका सिंह भी उपस्थित थी। इसमें आपदा प्रंबधन को लेकर बात हुई कि शहर में तेजी से हाईराइज मल्टी बन रही है। आपात स्थिति में निपटने की तैयारी होना चाहिए। इस पर महापौर ने इसे निगम बजट में शामिल करने और अलग से आपदा प्रबंधन विभाग व हेड बनाने की बात कही। साथ ही तय किया कि मैपिंग की जाए कि कहां पर किसके पास क्या मशीनरी है। इन परिस्थिति में किसे सबसे पहले फोन करके संसाधन जुटाना है। विजयवर्गीय ने कहा कि व्यवस्था ऐसी हो कि पांच से सात मिनट में घटनास्थल पर काम शुरू हो जाए। ट्रैफिक पर भी बात हुई, जिसमें विजयवर्गीय ने बताया कि हम सभी चौराहों पर सप्ताह में एक-दो बार खड़े होकर लोगों को जागरूक करेंगे।