दमोह (Damoh) जिले के आजनी की टपरिया गांव में 7 अक्टूबर की रात हुए दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के 3 बच्चों की जान चली गई है। शुक्रवार की रात गिट्टी से भरा एक ट्रॉला कच्चे घर पर पलट गया था। हादसे में 3 बच्चों की मौत हो गई। ट्रॉला सवार एक व्यक्ति की भी मौत हुई है। बच्चों के माता-पिता की हालत गंभीर है। परिजनों ने शनिवार सुबह सड़क पर जाम लगाकर मुआवजे की मांग शुरू कर दी थी। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से वह नहीं माने, लेकिन जब विधायक रामबाई परिहार (Rambai Parihar) मौके पर पहुंची और उन्होंने भावुक अपील की। इस दौरान उनकी आंखें भी छलक आईं। ट्रक में लोड गिट्टी के कारण पूरा मकान धराशायी हो गया। हादसे में 12वीं में पढ़ने वाली 18 साल की मनीषा, 16 साल का 10वीं का छात्र आकाश और 8वीं कक्षा में पढ़ने वाले 13 साल के ओमकार की गिट्टी के नीचे दबने से मौत हो गई थी। वहीं, माता-पिता अस्पताल में भर्ती हैं।
रामबाई की आंखे भर आई
विधायक रामबाई परिहार ने कहा कि मैं जान सकती हूं जिस मां के तीन बच्चे काल के गाल में समा गए हैं, उस पर क्या बीत रही होगी। उसके लिए मुआवजे में मिलने वाली कीमत का कोई मोल नहीं है। भावुक कर देने वाले ये शब्द पथरिया की उस दबंग विधायक रामबाई परिहार के हैं, जो हमेशा ही अपने दबंग अंदाज और विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं। लेकिन शनिवार को जब वे तीन बच्चों की मौत के बाद परिजनों को सांत्वना देने पहुंचीं तो उनकीं आंखें भर आईं। चक्काजाम कर बैठे परिजन से बात करते-करते वे फफक पड़ीं। विधायक की भावुक अपील के बाद परिजन ने चक्काजाम हटा लिया।
विधायक की भावुक अपील देखकर पिघले परिजन और ग्रामीण
सड़क पर जाम की खबर मिलने के बाद रामबाई ग्रामीणों के पास पहुंची और उन्होंने कहा कि वह भी एक मां हैं। झूठ तो वे बोल नहीं सकती हैं। आपके दुख से वाकिफ हूं। उन्हें पता है कि जब एक मां के बच्चे को जरा सी चोट भी लग जाती है तो उसके दिल पर क्या बीतती है। यहां तो एक मां ने अपने तीन बच्चों को खो दिया है। यदि मेरे बस में होता तो मैं अपने प्राण डालकर बच्चों के प्राण ले आती।
रामबाई ने मुआवजे का वादा किया
उन्होंने अपने ही एक उदाहरण के माध्यम से ग्रामीणों को समझाया कि उनका भी एक बेटा है जो करीब एक साल पहले हादसे का शिकार हो गया था। उस समय उन पर जो बीती थी, उसे केवल वही समझ सकती हैं। आज भी मेरा बच्चा अच्छे से चल नहीं पाता, बोल नहीं पाता। आज जिस मां ने अपने बच्चों को खो दिया है, उसकी तकलीफ से बड़ी कोई तकलीफ नहीं हो सकती। उसके लिए मुआवजे की राशि के कोई मायने नहीं है। आंखों के आंसू पोंछते हुए विधायक की भावुक अपील सुनकर ग्रामीण और परिजन भावुक हो गए और उन्होंने विधायक के आश्वासन पर जाम हटा दिया। विधायक ने उनसे कहा है कि वह शासन से उन्हें उचित मुआवजा दिलाने का पूरा प्रयास करेगी। इसके बाद जाम समाप्त हो गया और आवागमन शुरू हो गया है।