हाई कोर्ट में फिर हो सकती है वर्चुअल सुनवाई की शुरुआत, कोरोना के चलते सुप्रीम कोर्ट ने HC के चीफ जस्टिस को लिखा लेटर

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Rajeev Upadhyay
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हाई कोर्ट में फिर हो सकती है वर्चुअल सुनवाई की शुरुआत, कोरोना के चलते सुप्रीम कोर्ट ने HC के चीफ जस्टिस को लिखा लेटर

Jabalpur. मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में एक बार फिर वर्चुअल सुनवाई शुरू हो सकती है। देश में बढ़ते कोरोना के मामलों को मद्देनजर रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत देश के सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को खत लिखा है। 



क्या लिखा है खत में



सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधिपति डॉ डीवाई चंद्रचूड़ ने एक मामले की अर्जेंट हियरिंग की प्रार्थना स्वीकार करते हुए उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से अपने-अपने हाईकोर्ट में वर्चुअल सुनवाई तत्काल शुरू करने का आग्रह किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी सतत रूप से प्रयास कर रही है कि न्यायालयों में वर्चुअल सुनवाई अतिशीघ्र शुरू हो सके। 




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  • जिस याचिका की अर्जेंट हियरिंग स्वीकारते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह जानकारी दी, वह एडवोकेट सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि देश में कोविड के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं। वकीलों को न्यायालय में भौतिक पैरवी करने में असुविधा हो रही है। लिहाजा, वर्चुअल सुनवाई का विकल्प उपलब्ध कराना अपेक्षाकृत अधिक व्यवहारिक होगा। 



    याचिका में उच्च न्यायालयों द्वारा वर्चुअल सुनवाई बंद करने के निर्णय को चुनौती दी गई है। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई आठ मई को होगी। जिसमें यह अभिनिर्धारित होगा कि इस मामले में न्यायिक आदेश जारी किया जा सकता है या नहीं। 



    पहले भी सुप्रीम कोर्ट जता चुका है नाराजगी



    बता दें कि पूर्व में भी 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने देश के उच्च न्यायालयों में वर्चुअल सुनवाई बंद करने पर नाराजगी जताई थी। साथ ही टिप्पणी की थी कि आधारभूत ढांचा और समुचित व्यवस्था होते हुए भी न्यायालयों में वर्चुअल हियरिंग के विकल्प को इस्तेमाल नहीं किया जाता है। वर्चुअल और हाईब्रिड सुनवाई को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। 



    हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय वर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का कदम स्वागत योग्य है। इन दिनों हाईकोर्ट में महज विशेष प्रकृति मामलों की ही वर्चुअल सुनवाई हो रही है। यदि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुरूप नियमित रूप से वर्चुअल सुनवाई शुरू होगी तो वकीलों के साथ-साथ पक्षकारों को भी लाभ होगा।


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