Damoh. दमोह में विकासयात्रा लेकर बादीपुरा गांव जा रहे जबेरा के भाजपा विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी का काफिला चोंरई वार्ड के निवासियों ने रोक लिया और अपनी समस्या से अवगत कराया। साथ ही पिछले साढ़े 4 साल के कामकाज का हिसाब भी पूछा। इसी दौरान एक युवक ने विधायक पर उससे अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्यों के साथ थाने में आवेदन दे दिया।बता दें चोंरई तेंदूखेड़ा नगर परिषद के अंतर्गत आता है और यहां पर तीन वार्ड आते हैं स्थानीय लोग यहां की मूलभूत समस्याओं से परेशान हैं। वार्डवासियों का आरोप है कि नगर परिषद में वह शिकायत करने जाते हैं तो ना अध्यक्ष सुनते हैं न सीएमओ, इसलिए उन्होंने विधायक को रोककर अपनी समस्या से अवगत कराया है।
चोंरई के अंतर्गत नगर के वार्ड 13, 14 और 15 आते हैं। यहां के लोगों ने विधायक को रोका और उनसे कहा कि उनके वार्ड में गंदगी फैली है साफ सफाई होती नहीं है जिससे मच्छर पनप रहे हैं। आवागमन के लिए मार्ग भी नहीं है जिससे उनके छोटे-बड़े वाहन निकलने में काफी समस्या जाती है। साथ ही जो आवास योजना है उसका भी लाभ नहीं मिला है जिन्हे मिला है उनको तीसरी किस्त अभी तक नहीं मिली है जिससे उनके मकान आज भी अधूरे पड़े हुए हैं। वार्डवासियों की बात सुनकर विधायक तत्काल अपने वाहन से उतरे और उन्होंने वार्ड वासियों की समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन देते हुए मौके से ही फोन लगाया और उसके बाद विधायक वहां से चले गए।
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विधायक के खिलाफ दिया आवेदन
विधायक के जाने के लगभग दो घंटे बाद भगवती संगठन के सदस्य तेंदूखेड़ा थाने पहुंचे और उन्होंने एक लिखित आवेदन दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि जिस समय चौरई में विधायक लोगों की समस्याएं सुन रहे थे उसी समय भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्य और लक्ष्मण रैकवार भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने विधायक और वार्डवासियों के बीच हुये वार्तालाप का वीडियो बनाना शुरू किया, लेकिन बीच में ही विधायक और उनके गार्ड ने उस वीडियो बनाने वाले को देख लिया और उस पर भड़क गए। जिसके विरोध में संगठन के सदस्यों ने तेंदूखेड़ा थाने में एक लिखित आवेदन दिया है और कहा है कि भगवती कल्याण संगठन के सदस्य और एक युवक के साथ विधायक के द्वारा अभ्रदता की गई है जो गलत है इसलिए उन पर कार्रवाई की जाए।
भगवती मानव कल्याण संगठन द्वारा लगाए गए आरोपों पर जबेरा विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि जो आरोप लगा रहे हैं वह निराधार हैं। ग्रामीणों ने उनकी समस्याएं बताने के लिए मेरा वाहन रोका था मैंने बाहर उतर कर उनकी समस्याएं सुनी उनके निराकरण के लिए तत्काल संबंधित विभाग के अधिकारियों को फोन लगाया। कुछ लोग बीच-बीच में मोबाइल लगा रहे थे ऐसे में ग्रामीणों की बात नहीं सुन पा रहा था। इसलिए मैंने उनसे दूर होने की बात कही थी। बाद में मुझसे पूछे गए सभी प्रश्नों का मैंने जवाब दिया है। मेरे द्वारा किसी के साथ अभद्रता नहीं की गई है जो आरोप लगा रहे हैं वह निराधार हैं।