Jabalpur. नर्मदा नदी के किनारे बसे होने के बावजूद जबलपुर में कई उपनगरीय इलाकों को जल संकट का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब उपनगरीय क्षेत्र बरेला तक नर्मदा जल की आपूर्ति करने की योजना है। नर्मदा तट सिलुआ में 1 एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होने से आसपास के लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। अभी तक इस क्षेत्र के लोग अंडरग्राउंड पानी पीने के मजबूर थे। इसमें फ्लोराइड भी मिला हुआ रहता है। इसके अलावा जिन लोगों तक पुराने प्लांट से पानी पहुंच रहा था। उसका भी ट्रीटमेंट नहीं हो पाता था।
एडीबी दे रहा वित्तीय मदद
अब एशियन डेवलपमेंट विकास बैंक की वित्तीय सहायता से बनने वाले नए प्लांट के साथ ही पुराने प्लांट के रिनोवेशन से पर्याप्त स्वच्छ पेयजल इलाके के लोगों को मिल सकेगा। अभी तक नए प्लांट के लिए नर्मदा विकास प्राधिकरण व अन्य संबंधित एजेंसियों से स्वीकृति नहीं मिली थी, इसके कारण प्लांट का काम शुरू नहीं हो पा रहा था। नर्मदा जल उपलब्ध कराने को लेकर स्वीकृति मिलने से नए प्लांट के स्थापित होने की राह खुल गई है।
नदी के पानी का नहीं पा रहा था ट्रीटमेंट
उपनगरीय क्षेत्र बरेला में जलापूर्ति के लिए पहले से स्थापित प्लांट जीर्णशीर्ण हो चुका है। वहां रॉ वाटर का ट्रीटमेंट नहीं हो रहा था। नए प्लांट के निर्माण के साथ ही पुराने प्लांट के भी रिनोवेशन की प्लानिंग है। ताकि क्षेत्र को नए प्लांट के एक एमएलडी और पुराने प्लांट से 1.3 एमएलडी पानी मिल सके। ऐसा होने पर क्षेत्र को 2.3 एमएलडी पानी मिलने लगेगा। जिससे क्षेत्र में पानी की पर्याप्त उपलब्धता रहेगी। पुराने प्लांट के लिए पहले रॉ वाटर परियट से लिया जाता था। परियट का पानी प्रदूषित होने के कारण बरगी डेम की नहर से पानी लिया जाएगा।
पीआईयू के प्रोजेक्ट प्रभारी अभय जैन ने बताया कि नर्मदा के सिलुआ घाट में नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए पानी उपलब्ध कराने संबंधित एजेंसियों से स्वीकृति मिल गई है। अब 1 एमएलडी के नए ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के साथ ही पुराने प्लांट के रिनोवेशन का काम भी किया जाएगा। प्लांट का निर्माण 2048 तक की आबादी की जलापूर्ति को ध्यान में रखकर किया जाना है।