VIDISHA. विदिशा में नाबालिगों के प्यार की कहानी सामने आई है। जिसमें एक लड़की पश्चिम बंगाल से युवक से मिलने विदिशा पहुंच गई। इस दौरान वह करीब 35 घंटे की रेल यात्रा कर आई है। फिलहाल, लड़की प्रेमी से तो नहीं मिल सकी, लेकिन चाइल्ड लाइन की निगरानी में पहुंच गई। जहां एक ही जिद किए हुए है कि जान दे दूंगी, लेकिन घर नहीं लौटूंगी।
नाबालिग किशोरी चाइल्ड लाइन की काउंसलिंग में
पश्चिम बंगाल की रहने वाली 17 साल की लड़की 35 घंटे का सफर तय कर विदिशा जिले के गंजबासौदा आ गई। वह यहां अपने प्रेमी से मिलने पहुंची है। इधर, युवक के परिजनों को जब पूरी कहानी का पता चला तो वे गंजबासौदा रेलवे स्टेशन पर उससे मिले और फिर उस लड़की को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया। यहां बता दें, लड़की से प्रेम करने वाला किशोर भी नाबालिग है।
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किशोरी की जिद, मैं शादी करके ही लौटूंगी
तमाम बातचीत के बाद चाइल्ड लाइन की काउंसलर दीपा शर्मा ने लड़की को बहुत समझाने की कोशिश की। लड़की की उसके परिजनों से पश्चिम बंगाल में बातचीत भी कराई। लड़की के परिजनों ने कह दिया कि उसे ट्रेन में बिठा दो घर लौट आएगी या फिर लड़के के घरवालों के साथ यहां भेज दो उसकी शादी करवा देंगे। इस सब के बीच, लड़की रोते हुए बस एक ही बात कह रही है कि मुझे घर नहीं लौटना है। मैं उसके साथ ही रहना चाहती हूं। मैं शादी करके ही लौटूंगी। जान दे दूंगी, पर बिना शादी किए वापस नहीं जाऊंगी।
बाल संरक्षण समिति की सलाह से निकलेगा हल
मामला, बाल संरक्षण समिति तक पहुंच गया है। जिससे अब समिति की सलाह के मुताबिक ही तय होगा कि लड़की को उसके घर कैसे पहुंचना है या फिर कोई अन्य विकल्प चुनना है। दोनों प्रेमी चूंकि नाबालिग हैं। इसलिए काफी सोच समझकर फैसला लेना पड़ रहा है। हालांकि अभी तक युवक की काउंसलिंग नहीं हुई है। और दोनों का अभी तक सामना नहीं हुआ है। लड़की 20 मार्च को दोहपर तीन बजे पश्चिम बंगाल स्थित अपने नाना के घर से निकली थी। इसके बाद ट्रेन से गंजबासौदा पहुंची है।
प्रेम कहानी...लड़की की जुबानी
7 महीने पहले इंस्टाग्राम अकाउंट पर लड़के की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। मैंने उसे सीन तो किया, लेकिन एक्सेप्ट नहीं किया। चार-पांच दिन बाद रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया। हम चैट के जरिए बातचीत करने लगे। उसने बताया कि वह मप्र के विदिशा जिले के एक गांव का रहने वाला है। उसकी भी उम्र उसी के बराबर है। शुरुआत में तो सब नॉर्मल था, लेकिन करीब डेढ़ महीने बाद उसने प्यार का इजहार किया। कुछ दिन सोचने के बाद मैंने हां में जवाब दिया। हमने नंबर भी एक्सचेंज कर लिए। चैट और वीडियो कॉल पर बातें होने लगीं। बातों का सिलसिला सुबह से शुरू होकर रात 11 बजे तक चलता। घर पर मामी के होने के कारण कॉल की जगह हम चैट पर ज्यादा बातें किया करते थे। यहां बता दें, किशोरी बहनों में सबसे बड़ी है और ननिहाल में रहती है।
एक दिन वह बहुत उदास था
एक दिन वह बहुत उदास था। मैंने कारण पूछा तो बोला- अपनी लाइफ से परेशान हो गया हूं। मन करता है सुसाइड कर लूं। मैंने पूछा- ऐसा क्या हो गया। उसने बताया था कि अलसुबह उठकर उसे पूजन के लिए मंदिर जाना होता है। इसके बाद फिर दुकान पर बैठ जाता हूं। शाम को फिर से मंदिर में पूजन के लिए जाना होता है। हम दोनों देर रात तक बात करते थे। इस कारण उसे सुबह 4 बजे उठने में परेशानी होती थी। इसके बाद पूरा दिन वह व्यस्त रहता था।
मैंने उसे हिम्मत दी और शादी पर राजी हुए
मैंने उसे कहा- यह ऐसी तो परेशानी नहीं है कि हम सुसाइड के बारे में सोचने लगें। मैंने उसे हिम्मत दी। मैं 12वीं क्लास में हूं। 30 मार्च के पहले एग्जाम खत्म होने वाले थे। इस कारण हमने प्लान किया कि 30 मार्च के बाद हम घर से निकलेंगे और दिल्ली में मिलेंगे। हम दोनों यहां पर शादी कर लेंगे।
चोरी के बाद मैं डर गई थी
मेरे तीन पेपर हो चुके थे, तीन बचे थे। इसी बीच, मैंने दिल्ली निकलने की तैयारी शुरू कर दी। मैंने घर पर रखे सोने-चांदी के जेवर और कुछ नकदी चोरी कर बैग में रख लिए। हमारा प्लान तो 30 मार्च के बाद भागने का था, लेकिन घर में चोरी के बाद मैं डर गई थी। डर था- किसी ने यदि अलमारी चेक कर ली तो चोरी पकड़ी जाएगी।
उसने वीडियो कॉल पर रूपए भी दिखाए
19 मार्च को रात में हमारी बातें हुईं। हमने तय किया कि कल हम दोनों घर से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। हम पूरे समय फोन पर एक-दूसरे से संपर्क में रहेंगे। प्लान के अनुसार 20 मार्च को सुबह हमने बात की। लड़के ने बताया कि उसने दादाजी की पेटी से एक लाख रुपए निकाल लिए हैं। उसने मुझे वीडियो कॉल कर रुपए भी दिखाए। मुझे हावड़ा एक्सप्रेस से दिल्ली पहुंचाना था, जबकि उसने कहा था कि उसकी ट्रेन के पहुंचने के पहले वह दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाएगा। लड़के ने दोपहर 12.30 बजे कॉल कर बताया कि वह घर से रुपए लेकर बाइक से गंजबासौदा के लिए रवाना हो रहा हूं।
किशोर को पापा ने पकड़ा और प्लान फेल
यहां से वह ट्रेन पकड़कर दिल्ली रवाना हो जाएगा। मैंने भी अपने कपड़े और डॉक्यूमेंट रख लिए। घर से 3 बजे स्कूल में कुछ काम होने का कहकर निकली और रिक्शे से बस स्टैंड पहुंची। यहां से मैं रेलवे स्टेशन पहुंची। हालांकि लड़का गंजबासौदा पहुंचता, इसके पहले ही उसके बड़े पापा ने उसे पकड़ लिया। बिना काम के बाइक से तेजी से जाने का कारण पूछा तो वह घबरा गया। बैग चेक करने पर रुपए मिले, जिसके बाद उसने सबकुछ बता दिया।
फिर उसने मुझे गंजबासौदा बुलाया
मैं रेलवे स्टेशन पहुंची, तभी लड़के का कॉल आया। उसने कहा- घरवालों को सब पता चल गया है। तुम दिल्ली की जगह गंजबासौदा आ जाओ। मैं स्टेशन पर तुम्हें मिलूंगा। मैंने ट्रेन का पता किया। टीसी से बात कर ट्रेन में सवार हो गई। जब यात्रियों ने मुझसे पूछा-कहां जा रही हो तो मैंने कहा- मामा के घर। इसके बाद उन लोगों ने मेरी हेल्प की।
आईडी देखने के बाद वे टेंशन में दिखे
स्टेशन पर उतरी तो एक लड़का आया, उसने कहा- वह उसके प्रेमी के बुआ का लड़का है और लेने आया है। बाहर निकलकर वह मुझे रेस्टोरेंट में ले गया और खाना खिलाया। उसने कॉल किया। कुछ देर बाद लड़के के बड़े पापा, फूफा और अंकल आ गए। उन्होंने कहा- अपना आधार कार्ड दिखाओ। आईडी देखने के बाद वे टेंशन में आ गए, क्योंकि मैं अभी 18 साल की नहीं हुई हूं।
मां बोली- लड़के को लेकर घर आ जाओ शादी करवा देंगे
बातचीत के बाद उन्होंने कहा- अपने घर पर पूछो कि उन्होंने पुलिस में शिकायत तो नहीं की है। मैंने मां को कॉल किया तो उन्होंने बताया कि हमने केस दर्ज करवा दिया है। मां को पूरी बात बताई तो वे बोलीं- तुम लड़के को लेकर यहां आ जाओ, तुम्हारी शादी करवा देंगे। यदि लड़के के परिवारवाले भी आना चाहें, तो उन्हें भी ले आओ। यहां से वे मुझे लेकर रेलवे स्टेशन पहुंचे और किसी को कॉल किया। चाइल्ड लाइन वालों के आने के पहले वे स्टेशन से चले गए। इसके बाद मैडम मुझे साथ ले आईं।
समिति के आदेश के बाद होगी आगे की कार्रवाई
चाइल्ड लाइन की काउंसलर दीपा शर्मा ने बताया कि 20 मार्च को कॉल आने के बाद हम रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां लड़की मिल गई। पूछा तो उसने पूरी कहानी बता दी। उसने यह बताया कि लड़के के घरवाले आए थे, वे लोग ही उसे यहां छोड़कर गए हैं। उसने लड़के को कॉल किया और गांव से गंजबासौदा आने को कहा। काफी देर तक लड़का नहीं आया। दीपा ने बताया कि पश्चिम बंगाल के थाने से पता चला कि लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई है। इसके बाद हमने किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। बाल कल्याण समिति से जो आदेश मिलेगा उसके बाद तय होगा कि बंगाल पुलिस या परिजन बच्ची को लेने विदिशा आएंगे या फिर हमारी टीम उसे पहुंचाएगी।