Ujjain. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के सहायक पुजारी मंगेश गुरू के बेटे मयंक की रंगपंचमी पर आयोजित गेर के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि मयंक ने गेर में पारंपरिक तलवार घुमाई थी। जिसका वीडियो भी सामने आया है। इसी दौरान अचानक उसे घबराहट होने लगी थोड़ी देर बाद वह घर जाकर सो गया, इस नींद में ही वह मौत के आगोश में समा गया। माना जा रहा है कि मयंक को साइलेंट अटैक आया होगा।
मयंक की उम्र मात्र 17 बरस ही थी, वह हर साल गेर पर कलाबाजी दिखाता था। रंगपंचमी के मौके पर आयोजित महाकाल के ध्वज चल समारोह में गेर शुरू होने से पहले मयंक ने सभा मंडप में तलवार से कलाबाजी दिखाई थी। फिर वह गेर में शामिल हो गया था। घबराहट होने पर उसने जूस पिया और दोबारा उत्सव में शामिल हो गया था। दोबारा तबीयत बिगड़ने पर वह घर चला गया था। मयंक की मौत की खबर लगते ही पूरे महाकाल मंदिर परिसर में शोक फैल गया।
- यह भी पढ़ें
डॉक्टरों का कहना है कि मयंक को साइलेंट अटैक आया होगा। बैंड की तेज आवाज भी इसका एक कारण हो सकती है। डॉक्टरों के मुताबिक कम उम्र में बच्चे के बढ़ते वजन पर माता-पिता को ध्यान देना चाहिए। अनियमित खानपान और खराब दिनचर्या से कम उम्र में ही बच्चे हृदय रोग से पीड़ित हो रहे हैं। जो कि काफी गंभीर समस्या है।
10वीं कक्षा का था छात्र
मयंक के परिजनों ने बताया कि वह 10वीं कक्षा का छात्र था, पढ़ाई में भी ठीक-ठाक था। मयंक के अलावा पुजारी मंगेश गुरू की दो बेटियां हैं। इकलौता बेटा होने की वजह से घरवालों का दुलारा था। भगवान महाकाल की गेर को लेकर वह काफी उत्साहित था। उत्सव के लिए उसने नए कपड़े भी खरीदे थे। अचानक उसकी मौत हो जाने से घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। मंदिर के पुजारियों ने इस घटना पर दुख जताया है।