आमीन हुसैन, RATLAM. रतलाम में आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) के नेता और व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हमारी दुश्मन है। दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। 2023 में हमारा ढंका बजेगा। हीरा अलावा कांग्रेस के विधायक है। जयस के सर्वेसर्वा नहीं है। जयस कांग्रेस से बात करेगी या चुनाव लड़ेगी। यह जयस के सभी नेता बैठकर तय करेंगे
रतलाम जिला न्यायालय में पेशी पर आए थे डॉ. आनंद राय
सांसद और विधायक के मामले में रतलाम जिला न्यायालय में डॉ. राय पेशी पर आए थे। इसी दौरान यहां पर उन्होंने मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कहा कि धराड़ में कोई आंदोलन नहीं हुआ था। मूर्ति अनावरण का समारोह था। बड़छपरा में खुद जयस के लोगों ने उस मूर्ति का पेमेंट किया था। महाराष्ट्र से वह मूर्ति खरीदी गई थी। यह जयस का कार्यक्रम था, उस कार्यक्रम को सांसद और विधायक महोदय ने हाईजैक किया था। प्रशासन के लोग वहां मौजूद थे। प्रशासन का कहना है कि धारा 144 लगी हुई थी। मैं पूछना चाहता हूं कि उस दिन अगर धारा 144 लगी हुई थी तो रतलाम जिले में अन्य कार्यक्रम कैसे हो रहे थे। बड़छापरा में भारतीय जनता पार्टी के लोग, प्रशासन के अधिकारी सांसद विधायक धारा 144 होने के बावजूद कैसे पहुंचे और बड़छपरा में इतनी भीड़ कैसे इकट्ठी की गई।
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आदिवासियों से छीनी जा रही है 1600 हेक्टेयर जमीन
डॉ. राय ने कहा कि दूसरा सवाल औद्योगिक निवेश क्षेत्र का है। 1600 हेक्टेयर जमीन आदिवासियों से छीनी जा रही है। उस मुद्दे पर पहले ही दो प्रोटेस्ट रतलाम में हो चुके हैं। वहां लोगों के पास तख्तियां थीं, वहां लोगों ने देखा कि सांसद और विधायक आ रहे हैं तो उनका रास्ता रोककर उनसे बात करनी चाहिए। सांसद और विधायक बातचीत से भाग रहे हैं और बातचीत नहीं कर रहे हैं। मैं आपको स्पष्ट करना चाहता हूं कि दूर-दूर तक कोई पथराव नहीं हुआ। ना ही किसी तरह की कोई हिंसक घटना हुई, लेकिन जिस तरह से इस पूरे मामले को प्रोजेक्ट किया गया और जयस के खिलाफ जो झूठे प्रकरण बनाए गए, उसकी हम निंदा करते हैं।
आदिवासियों की स्वतंत्र आवाज को दबाने की हो रही है कोशिश
मध्य प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ झूठे प्रकरण दर्ज करके जेलों में ठूसा जा रहा है। आदिवासियों की स्वतंत्र आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है, जिसका हम विरोध करते हैं। जहां तक एफआईआर का प्रश्न है। हम इसको चुनौती देंगे। मेरी खुद की जमानत सुप्रीम कोर्ट से हुई है। मुझे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने जमानत दी है। आज मैं यहां पेशी पर आया था। हमारे जो अन्य लोग हैं, उनसे भी मैं निवेदन करूंगा कि वह जल्द से जल्द इस मामले में सरेंडर करें, जिससे जल्द से जल्द चालान पेश हो। हमें देखना है कि इसमें यथार्थ क्या है और मैं मीडिया से भी अनुरोध करूंगा कि मीडिया के साथी भी वहां जाएं और वहां के धराड़ मार्केट के जो लोग हैं, उनसे यथास्थिति क्या थी यह पूछे। जो शिकायतें भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा लिखाई गई है। किसी का काफिला आना जाना शासकीय कार्य में बाधा नहीं है।
हम 2023 के चुनाव में जवाब देंगे
डॉ. आनंद राय ने कहा भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ने जो एफआईआर करवाई है। वह पूरी तरह से गलत और राजनीतिक विद्वेष को रखकर की गई थी। हम इस चीज का जवाब 2023 के चुनाव में देंगे। हम भारतीय जनता पार्टी का इस रतलाम जिले से सूपड़ा साफ करेंगे। इन तीनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को हराएंगे। भारतीय जनता पार्टी को जवाब दिया जाएगा। हम आदिवासियों को समझा रहे हैं कि आदिवासियों को बैलेट की ताकत समझना होगी। हम हमारे मतदान से हमारे वोट से शिवराज सिंह जो आदिवासियों का दमन कर रहा है, उनको जवाब देंगे।
आदिवासियों से जमीन खाली करवाने का है दबाव
डॉ. आनंद राय ने कहा क्षेत्र के विधायक और कलेक्टर पर बहुत दबाव है कि कैसे भी करके आदिवासियों से जमीन खाली करवाओ। हमको पूंजीपतियों को यह जमीन बेचनी है, जो 1600 हेक्टेयर जमीन और 6 गांव आदिवासियों की हैं। पैसा एक्ट के अनुसार बिना ग्राम सभा के अनुमति के जमीन नहीं ले सकते हैं, जब ग्रामीण जमीन नहीं देना चाहते तो उसे छीन क्यों रहे हो।
हीरा अलावा से पूछे कि आप किस पार्टी के प्राथमिक सदस्य हैं
हीरा अलावा द्वारा चुनाव लड़ने की बात पर डॉक्टर आनंद राय का कहना है कि पहले तो उनसे पूछे कि आप किस पार्टी के प्राथमिक सदस्य हैं। जय संगठन एक बहुत बड़ी विचारधारा है, जिसमें 10 लाख से ज्यादा सदस्य हैं। जयस बहुत बड़ा वृक्ष है। वह (हीरा अलावा) छोटे से फल थे, जिसको कांग्रेस तोड़ कर ले गई। आज की डेट में वह कांग्रेस के विधायक है। संगठन बहुत बड़ा है। 14 से ज्यादा से जिलों में संगठन है। संगठन अपना निर्णय खुद करेगा। वह संगठन के सर्वोसर्वा नहीं है। जयेश के और भी लोग हैं, जिन्होंने संगठन को खड़ा किया है वह लोग मिलकर तय करेंगे कि 2023 के चुनाव में क्या करना है। 2023 के चुनाव में जयस की भूमिका बड़ी प्रभावी रहेगी। 80 से ज्यादा सीटों पर आदिवासी वोट प्रभावित करेंगे।
43 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं
43 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित है, जिनमें से 35 सीटें ऐसी हैं? जिसमें 50,000 से ज्यादा आदिवासी वोट है। इस तरह हम 2023 में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका में दिखने वाले हैं। 2024 के चुनाव में 6 लोकसभा की सीटें आरक्षित है और 4 सीटों पर हमारा 8 लाख वोट है। 10 लोकसभा सीटें और 80 विधानसभा सीटें हम प्रभावित करते हैं। 2023 में हमारा डंका बजेगा। कांग्रेस की तरफ से इस तरीके से प्रस्ताव आता है कि वह हमारे नेतृत्व को जगह देगी, तो उनसे बात की जाएगी। क्योंकि हमारा टारगेट मध्य प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी को हटाना है।