INDORE. इंदौर से करीब 30 किलोमीटर दूर एक कस्बा है जो इंदौर से उज्जैन जाते वक्त रास्ते में पड़ता है। सांवेर ग्रामीण इलाका है। इंदौर जैसे चमक-दमक वाले शहर के इतने नजदीक होने के बाद भी इस कस्बे में कोई चमक-दमक नजर नहीं आती। सांवेर विधानसभा का करीब 80 फीसदी हिस्सा ग्रामीण इलाका है और 20 फीसदी हिस्सा शहरी इलाका। सांवेर में एक हनुमान जी का प्राचीन मंदिर है जहां हनुमान जी की उल्टी प्रतिमा विराजित है। कहते हैं मंदिर में दर्शन करने से मनोकामना पूरी होती है। कहा जाता है कि अहिरावण ने जब भगवान राम और लक्ष्मण को अगवा किया था उसी समय पाताललोक से बजरंगबली ने दोनों को रिहा करवाया था और हनुमान जी ने उल्टे होकर पाताल में प्रवेश किया था। सांवेर ही वो जगह मानी जाती है जहां से हनुमानजी ने पाताल में प्रवेश किया था। बहरहाल, सांवेर का सियासी मिजाज बेहद रोचक है।
सांवेर विधानसभा सीट का सियासी मिजाज
सांवेर विधानसभा सीट के साथ दो मिथक जुड़े हैं। पहला तो सांवेर में पिछले 40 साल में कोई भी प्रत्याशी लगातार तीन बार चुनाव जीत नहीं सका है। मिथक बरकरार है। दूसरा मिथक है कि सांवेर से जो भी मंत्री बनता है वो दूसरी बार चुनाव नहीं जीतता। ये मिथक है तुलसी सिलावट ने 4 सालों में दो बार चुनाव लड़ा और दोनों बार जीते लेकिन अलग-अलग पार्टी सिंबोल पर, और मंत्री भी बने। उपचुनाव में जीत के साथ तुलसी सिलावट सबसे ज्यादा 5 बार जीतने वाले विधायक बन गए हैं। इसके पहले बीजेपी के प्रकाश सोनकर ने 4 बार जीत हासिल की थी। सांवेर में 1970 से दो उपचुनाव समेत अब तक 15 बार विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं। यहां से अब तक सबसे ज्यादा 7 बार कांग्रेस, 6 बार बीजेपी, एक बार जनसंघ और एक बार जनता पार्टी का उम्मीदवार जीता है।
सांवेर विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरण
सांवेर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट है। इसलिए यहां बीएसपी भी चुनाव लड़ती है लेकिन बीएसपी ने अब तक कुछ खास किया नहीं है। सांवेर में सभी वर्ग के मतदाता हैं जो पार्टी और चेहरे को तवज्जो देते हैं न कि जाति को।
सांवेर विधानसभा सीट के राजनीतिक समीकरण
सांवेर सीट भी दलबदलू सीट है लिहाजा इस सीट पर भी सिंधिया बीजेपी और असल बीजेपी के बीच लड़ाई साफ नजर आती है। भले ही तुलसी सिलावट बीजेपी के सिंबोल पर बंपर वोटों से चुनाव जीते हैं लेकिन सांवेर की मूल बीजेपी के लोग तुलसी सिलावट को मन से स्वीकार नहीं कर सके हैं। नेताओं के साथ बातचीत में ये साफ नजर आता है। अंदरूनी तौर पर बीजेपी के बीच नाराजगी नजर आती है। सबसे बड़ा सवाल तो कांग्रेस का है कि यहां से कांग्रेस का कौन उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। प्रेमचंद गुड्डू ने अपनी बेटी रीना बोरासी को सक्रिय किया है। रीना बोरासी ने यहां तैयारियां भी शुरू की हैं। रीना युवा चेहरा हैं और सबसे पहले महिलाओं के बीच रीना ने पैठ बनाना शुरू की है। इसलिए वो महिलाओं से मिलती हैं। कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर रही हैं और दावा करती है कि इस बार कांग्रेस यहां से चुनाव जीतेगी।
सांवेर विधानसभा के मुद्दे
सांवेर ग्रामीण इलाका है इसलिए गांवों में कई सारी समस्याएं हैं। सांवेर कस्बे से चंद किलोमीटर की दूरी पर है लालाखेड़ा गांव। इस गांव में पहुंचे तो समस्याएं साफ नजर आईं और लोगों ने खुलकर इसके बारे में बताया भी।
- किसी के गांव का रास्ता बेहद खराब।
बुजुर्ग महिला को नहीं मिला पीएम आवास का लाभ
इसी गांव में एक बुजुर्ग महिला भी मिली। जिसका दर्द ये था कि उसे पीएम आवास का लाभ नहीं मिला और गांव के सचिव ने उसका अंगूठा ले लिया था। अब लालाखेड़ा से आगे पहुंचे कछालिया गांव तो यहां भी लोगों ने खुलकर समस्या बताई। यहां एक टंकी बनी है लेकिन उसमें पानी नहीं आता और लोगों को नल से आज तक पानी भी नहीं मिला। इन मुद्दों को लेकर जब बीजेपी और कांग्रेस नेताओं से चौपाल में बात की तो वो अपने-अपने दावे करते नजर आए।
इसके अलावा द सूत्र ने आम लोगों, पत्रकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मुद्दों के बारे में पूछा तो विधायक से लोगों ने सवाल पूछे जो इस तरह से हैं..
- आप हर सरकार में मंत्री रहे हैं, इलाके में कितनी राशि विकास कार्यों पर खर्च की ?
सांवेर विधायक तुलसी सिलावट सवालों से भागे
हालांकि सांवेर विधायक तुलसी सिलावट को इन सवालों को भेजा लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया यानी मंत्री जी सवालों से भागे। उनके पास कोई जवाब नहीं था।
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