संजय गुप्ता, INDORE. लव-कुश चौराहे पर बनने वाले फ्लायओवर का नाम बीजेपी के दिग्गज नेता स्वर्गीय पंडित विष्णु प्रसाद शुक्ला रखने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इसी को देखते हुए मंगलवार को एमआईसी (मेयर इन काउंसिल) की बैठक में इस मुद्दे को भी चर्चा में रखा गया। लेकिन पेंच उस समय आ गया जब इसका नाम सांवेर विधानसभा क्षेत्र के दिग्गज नेता स्वर्गीय प्रकाश सोनकर के नाम पर रखने की बात आ गई। यह फ्लायओवर विधानसभा क्षेत्र एक को सांवेर से जोड़ता है। शुक्ला मुख्य तौर पर विधानसभा एक में सक्रिय रहे हैं, हालांकि उनकी पकड़ सांवेर तक रही है, वहीं सोनकर और उनका परिवार सांवेर विधानसभा क्षेत्र में खासी पकड़ रखता है। आखिर में इन नाम के पेंच के चलते एमआईसी ने इस मुद्दे को दरकिनार कर दिया। इसके लिए कारण बताया गया कि क्योंकि ब्रिज आईडीए द्वारा बनाया जा रहा है, ऐसे में प्रस्ताव आईडीए ही देगा। पहले सीएम की घोषणा के चलते एमआईसी सीधे ही इस पर फैसला करने जा रही थी लेकिन फिर पेंच आने के चलते इसे टाल दिया गया। हालांकि बैठक में अन्य कई जगह के नाम बदले गए।
परशुराम सेना ने कर दी थी सदस्यों को सम्मानित करने की घोषणा
एमआईसी में पंडित शुक्ला के नाम का प्रस्ताव सामने आने के बाद श्री परशुराम सेना सर्व ब्राहामण सभा ने तो एमआईसी सद्स्यों के सम्मान की घोषणा कर दी थी। पंडित अनूप शुक्ला, विकास अवस्थी और सत्येंद्र शर्मा ने घोषणा की थी कि पंडित शुक्ला के नाम पर फ्लायओवर के नाम को मंजूरी देने पर सभा द्वारा महापौर पुष्यमित्र भार्गव और एमआईसी सदर्यों का स्वागत ब्राहाणम समाज द्वारा किया जाएगा।
बैठक में फिर अधिकारियों के व्यवहार से जताई नाराजगी
वहीं बैठक में एक बार फिर एमआईसी सदस्यों ने अधिकारियों के व्यवहार को लेकर नाराजगी जताई। चाहे अधिकारी कोई भी वह एमआईसी सदस्यों औऱ् पार्षदों की सुनते ही नहीं है। फाइलें लगातार लौटाई जा रही है। एक सदस्य ने तो यहां तक कहा इंदौर के जू से जानवर दूसरी जगह जा रहे हैं, बदले में दूसरे ला रहे हैं, लेकिन यह फैसले अधिकारी अपने स्तर पर ही ले रहे हैं और विभाग के प्रभारी जनप्रतिनिधियों को अखबारों से यह जानकारी मिलती है। उन्हें विश्वास में ही नहीं लिया जाता है। हालांकि निगमआयुक्त प्रतिभा पाल ने अधिकारियों की कार्यशैली का बचाव किया, लेकिन एमआईसी सदस्यों की नाराजगी कम नहीं हुई। इसके पहले भी विकास यात्रा की तैयारियों के संबंध में हुई बैठक में सभी पार्षदों ने अधिकारियों को लेकर जमकर नाराजगी जाहिर की थी जिसके बाद महापौर ने भी अधिकारियों को चेतावनी देकर कहा था कि लालफीताशाही नहीं चलेगी और यह संदेश जहां पहुंचाना है वहां पहुंचा दीजिए।
एमआईसी बैठक में 200 करोड़ के विकास काम को मंजूरी
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