Jabalpur. जबलपुर के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज में पूर्णकालिक डीन की नियुक्ति के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि पूर्व निर्देश के बाद भी मेडिकल कॉलेज में पूर्णकालिक डीन की नियुक्ति क्यों नहीं की गई। हाईकोर्ट में न्यायाधीश आनंद पाठक की एकलपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। प्रभारी डीन डॉ गीता गुईन पर नियमों के विपरीत निर्णय लेने का भी आरोप लगाया गया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में भी जवाब तलब किया है।
इन्हें जारी हुए नोटिस
हाई कोर्ट ने मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी, आयुक्त, कमिश्नर जबलपुर व प्रभारी डीन डॉ गीता गुईन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता पैथोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉ संजय तोतड़े ने कहा कि वे कॉलेज के सबसे सीनियर प्रोफेसर हैं।इसके बाद भी उनसे जूनियर डॉ गीता गुईन को प्रभारी डीन बनाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट विपिन यादव ने दलील दी कि प्रभारी डीन डॉ गीता गुईन ऐसे फैसले ले रही हैं जो उन्हें सौंपे गए कर्तव्यों की प्रकृति के विपरीत हैं।उन्हें वैधानिक निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि मामले की गवर्नमेंट एडवोकेट उक्त आरोपों व डीन की पूर्णकालिक नियुक्ति के मामले में शासन से निर्देश लेकर जवाब प्रस्तुत करें।
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निरस्त कर दी गई डीन की नियुक्ति की प्रक्रिया
इससे पहले बीते साल डीन की नियुक्ति की प्रक्रिया तो शुरू की गई थी, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इसके लिए विज्ञापन भी जारी किया था। लेकिन इंटरव्यू से पहले ही पूरी प्रक्रिया ही निरस्त कर दी गई। जिसकी कोई ठोस वजह भी नहीं बताई गई थी। जबकि पूर्व आदेशों में हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज में पूर्णकालिक डीन की नियुक्ति के निर्देश दिए थे।