ग्वालियर. सुहागरात पर अपने पति को जिंदगी की सच्चाई बताना एक नवविवाहिता को काफी भारी पड़ गया। दरअसल नवविवाहिता का शादी से पहले दुष्कर्म हुआ था, लेकिन यह बात उसने अपने पति और ससुराल वालों को नहीं बताई थी। सुहागरात पर जब महिला ने यह बात अपने पति को बताई, तो वह हैरान रह गया। नाराज पति अगले ही दिन पत्नी को मायके छोड़ आया। फिर उसने विवाह को शून्य घोषित कराने का आवेदन भी फैमिली कोर्ट में लगा दिया। कोर्ट ने महिला को भी अपनी बात रखने का पूरा समय दिया, लेकिन तीन साल बाद भी महिला ने कोर्ट में आकर अपनी बात नहीं रखी। जिसके बाद कोर्ट ने विवाह शून्य घोषित करने का आदेश पारित कर दिया।
यह है पूरा मामला
ग्वालियर निवासी 25 वर्षीय युवक की शादी साल 2019 में ग्वालियर की रहने वाली 21 वर्षीय युवती से हुई। शादी की पहली रात को वह पत्नी से बात करते हुए अपने बारे में बता रहा था। पत्नी ने भी अपने निजी जीवन की कुछ बातें उसके साथ शेयर कीं। उसने पति को शादी से पहले उसके साथ हुए रेप की बात बता दी। यह बात पति से सहन नहीं हुई। युवक ने अपने परिवार को यह बात बताई और सभी के फैसले के बाद पत्नी को मायके छोड़ आया। इसके बाद दोबारा उसे लेने नहीं गया। उलटा विवाह शून्य घोषित करने के लिए कोर्ट में आवेदन दे दिया।
पीड़िता का मामा के बेटे ने किया था दुष्कर्म
सच का पता चलने के बाद युवक पत्नी को साथ रखने तैयार नहीं हुआ। लड़की के साथ जिसने दुष्कर्म किया, वह उसके मामा का लड़का था। शादी टूट जाने के बाद पीड़िता ने आरोपी युवक के खिलाफ दुष्कर्म का केस भी दर्ज कराया, लेकिन इसके बाद भी पति उसे रखने के लिए तैयार नहीं हुआ। पति ने कोर्ट में कहा कि यह धोखे से किया गया विवाह है, इसे मान्य नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने विवाह को किया शून्य घोषित
मामले में पीड़ित युवक ने साल 2019 में फैमिली कोर्ट में शादी को शून्य घोषित कराने आवेदन दिया था। फैमिली कोर्ट ने युवक की पत्नी से जवाब के लिए नोटिस जारी हुआ, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुई। मार्च 2020 के बाद कोविड और टोटल लॉकडाउन के चलते यह केस सुनवाई में नहीं आ सका। पहली, दूसरी और तीसरी लहर के बीच में जब-जब कोर्ट खुले तो सुनवाई हुई। कई बार कोर्ट ने युवक की पत्नी को पक्ष रखने का समय दिया, लेकिन पत्नी लंबे समय तक जवाब देने नहीं आई। इसके बाद कुछ दिन पहले पति के तर्क के आधार पर कोर्ट ने विवाह को शून्य घोषित कर दिया।