Mandla. छत्तीसगढ़ के जंगलों से मंडला में आ धमके जंगली हाथियों ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाया है। जंगली हाथियों के झुंड ने मंडला के चंगरिया गांव में धावा बोला और ग्रामीणों की झुग्गियों को तहस-नहस कर डाला। वन विभाग ने किसी तरह हाथियों के बीच फंसे डेढ़ दर्जन परिवारों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। वहीं कड़कती ठंड में ग्रामीणों ने आग के सहारे रात गुजारी।
हाथियों को दूर रखने जला रहे आग
जंगली हाथियों को बस्ती से दूर रखने ग्रामीण अपने-अपने गांव के बाहरी हिस्सों में बड़े-बड़े अलाव जला रहे हैं ताकि हाथी आग देखकर उनके गांव का रुख न करें। वहीं गांव के लोग रातें जागकर काट रहे हैं। सभी को यह डर है कि कहीं उनके परिवार हाथियों के पैरों तले न कुचले जाएं।
20 परिवारों को बचाया
जंगली हाथियों के उत्पात की खबर मिलने पर यहां के वन विभाग ने चंगरिया गांव पहुंचकर इधर-उधर छिपे 20 परिवार के लोगों को बचाया और सामुदायिक भवन के पास ठहराया है। वन विभाग के पास हाथियों को खदेड़ने की कोई तरकीब नहीं है। विभाग लाचार होकर हाथियों के खुद ब खुद घने जंगल की तरफ लौटने की प्रार्थना कर रहा है।
घरों में रखा अनाज और खाने का सामान चट
हाथियों ने जिन इलाकों को अपना निशाना बनाया, वहां लोगों के घरों में रखा अनाज और खाने का अन्य सामान हाथी खा गए। अपने स्तर पर हाथियों को भगाने के ग्रामीणों के पास जो इंतजाम है, वह नाकाफी है। ग्रामीणों का कहना है कि दो महीने पहले भी इसी तरह की स्थिति बनी थी। जंगली क्षेत्र से रहवासी इलाके में हाथियों की घुसपैठ न हो, इसके लिए वन विभाग ने जंगलों में चौकसी बढ़ाने का भरोसा दिया था। लेकिन इस बार हालात पहले से ज्यादा ख़राब हैं।