जबलपुर में बिहार से जुड़े रेलवे की जाली टिकटों के तार, मोबाइल पर टिकट भेजने वाले का नहीं मिला सुराग

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर में बिहार से जुड़े रेलवे की जाली टिकटों के तार, मोबाइल पर टिकट भेजने वाले का नहीं मिला सुराग

Jabalpur. जबलपुर में रेलवे की जाली टिकटों का मामला सामने आया है। मामले का खुलासा रविवार को उसक वक्त हुआ जब एक यात्री ने रेलवे के अधिकारी को टीटीई द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत की। अधिकारी ने जब यात्री की लोकेशन जाननी चाही तो उसे मोबाइल पर बर्थ और कोच बताने टिकटों की फोटो भेजी, जो जाली पाई गई हैं। बाद में जब यात्री से संपर्क साधा गया तो उसने बताया कि उसे पुलिस ने पकड़ लिया है। इसके बाद जीआरपी और आरपीएफ उस यात्री की खोज में जुटे हैं तो वह बार-बार गुमराह कर रहा है। 



आखिर टिकटें आई कहां से?



फिलहाल सबसे बड़ा रहस्य यह बना हुआ है कि ये जाली टिकटें आई कहां से। रेलवे के अधिकारी इन जाली टिकटों के तार दानापुर, बिहार किशनगंज से जोड़ रहे हैं। रेलवे इस बात से इनकार नहीं कर रहा कि जाली टिकटों के जरिए लोगों को सफर कराने वाला कोई गिरोह सक्रिय है। सूत्रों की मानें तो जांच में यह बात सामने आई है कि ये टिकटें किशनगंज बिहार से बनी हैं। 



रेलवे के अधिकारियों के साथ-साथ सुरक्षा बल इस बात की जानकारी जुटा रहे हैं कि जब यात्री ने 4 टिकटें भेजी हैं तो आखिर शेष 3 टिकटें किसकी हैं और ये तीनों यात्री भी टिकट भेजने वाले यात्री की तरह अचानक गायब क्यों हो गए हैं। 



जल्द हो सकता है बड़ा खुलासा



सूत्रों की मानें तो जाली टिकटों के गिरोह का भंडाफोड़ हुआ तो रेलवे को अब तक हुए नुकसान का पता चल पाएगा। जाली टिकटों के इस गोरखधंधे से रेलवे को लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपए के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। जीआरपी और आरपीएफ अब उन 4 यात्रियों की तलाश कर रहे हैं जिन्होंने अधिकारी को ये टिकटें वॉट्सअप पर भेजी थीं। जिसके बाद मामले की परतें उधड़ेंगी। 


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