जबलपुर में हुआ वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ, तीसरी बार जबलपुर में हो रहा आयोजन, देश-विदेश से आए रामभक्त

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर में हुआ वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ, तीसरी बार जबलपुर में हो रहा आयोजन, देश-विदेश से आए रामभक्त

Jabalpur. जबलपुर में शुक्रवार को वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हुआ। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने शुभारंभ कार्यक्रम में शिरकत की। वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में रामायण के आध्यात्मिक, शैक्षणिक और कलात्मक समेत 5 विधाओं पर परिचर्चा आयोजित की गई है। जिसमें देश विदेश से रामायण के संदर्भ में शोध करने वाले विद्वान उपस्थित हुए हैं। कार्यक्रम के आयोजनकर्ता डॉ अखिलेश गुमास्ता ने बताया कि इस बार वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में 15 देशों के शोधार्थी और विद्वान हिस्सा ले रहे हैं वहीं श्रीलंका के संस्कृति मंत्री रीविदुरा विक्रमनायके भी कार्यक्रम में शरीक हुए हैं। 



बाली में घर-घर में है रामायण



इंडोनेशिया के बाली से पहुंचे डॉ डामायसा ने बताया कि बाली और पूरे इंडोनेशिया की पूरी संस्कृति राममय है। वहां गली-गली ही नहीं घर-घर में रामायण हैं वहां अक्सर रामलीला होती है। उन्होंने बताया कि नवंबर माह में इंडोनेशिया के जावा के हजार साल पुराने मंदिर में रामायण कॉन्फ्रेंस कराने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उस मंदिर की हर एक दीवार पर रामायण उकेरी गई है। 

डॉ डामायसा ने बताया कि वे गीता के भी विद्यार्थी हैं उन्होंने गीता को कई भाषाओं में अनुवादित किया है। साथ ही 1 मिलियन भगवदगीता को बांट चुके हैं। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था 8 हजार से ज्यादा लोगों के साथ गीतापाठ कराकर वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनवा चुके हैं। 



बोस्टन में भी पूजे जा रहे राम



बोस्टन से जबलपुर आए डॉ बलराम ने बताया कि वे वहां के विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर इंडिक स्टडीज के फैकल्टी हैं। जहां योग को साइंटिफिक तरीके से पढ़ाया जा रहा है। डॉ बलराम ने बताया कि उनकी पैदाइश अयोध्या के पास स्थित गांव की है। उन्होंने बताया कि रामायण में विज्ञान भी है। परहित सरिस धर्म नहीं भाई और प्राण जाहिं पर वचन न जाही जैसी चौपाइयां विज्ञान के सिद्धांत को प्रदर्शित करती हैं। उन्होंने कहा कि रामायण एक वैज्ञानिक खोज है। 




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    बनारस में सालों से शोधकार्य कर रहीं इंग्लैंड की लूसी केस्ट भी वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में शिरकत कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वे अपने गुरू से रामायण सुन-सुनकर यह समझ गईं कि इसमें पूरा सत्य वर्णन है। रामायण के द्वारा सात्विक जीवन पद्धति मिलती है। उन्होंने कहा कि जब सभी लोग अयोध्या का असली मतलब समझ जाऐंगे उस दिन पूरे विश्व का कल्याण होगा। 


    Jabalpur News जबलपुर न्यूज World Ramayana Conference organized Ram devotees from country and abroad Culture Minister of Sri Lanka also included Sudhanshu Trivedi also participated वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का आयोजन देश-विदेश के आए रामभक्त श्रीलंका के संस्कृति मंत्री भी शामिल सुधांशु त्रिवेदी ने भी की शिरकत