सागर में दुनिया का सबसे बड़ा चतुर्मुखी जिनालय (जैन मंदिर) बनाया जा रहा है। खुरई रोड स्थित भाग्योदय तीर्थ में बन रहा ये मंदिर तीन मंजिला होगा। मंदिर की ऊंचाई 216 फीट रहेगी। मंदिर के चारों तरफ 94 फीट चौड़ी 19 सीढ़ियां बनेंगी। निर्माण कार्य साल 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
ये है खासियत
- मंदिर के निर्माण में गुजरात के भुज का पीला पत्थर और राजस्थान के बयाना का लाल पत्थर इस्तेमाल किया जा रहा है।
मंदिर में साढ़े 10 लाख घन फीट पत्थर लगाया जाएगा। पत्थरों को लगाने के साथ ही कारीगरी की जा रही है।
मंदिर में प्रत्येक खंड में 108 मूर्तियों की स्थापना की जाएगी।
मंदिर निर्माण में लाइन कांक्रीट टेक्निक का उपयोग कर रहे हैं।
मंदिर के तीनों खंड में 324 मूर्तियां स्थापित की जाएगी।
मूर्तियों की ऊंचाई 27, 36, 45, 54 और 63 इंच तक रहेगी।
45 फीट का गर्भ गृह बनाया जाएगा।
मंदिर निर्माण का कार्य गुजरात और राजस्थान से आए 250 से अधिक कारीगर कर रहे हैं।
पत्थरों पर जैन धर्म का इतिहास उकेरा जाएगा। साथ ही जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों का परिचय और आचार्य श्री के संबंध में जानकारी दर्शाई जाएगी।