DINDORI. तू क्या कर रहा है क्या नहीं कर रहा हूं, पूरी रिकॉर्डिंग आ गई है मेरे पास। मैं अगर रोड पर ला कर मारी न, तो तेरा बाप भी नजर आ जाएगा। मैं धुर्वे जी नहीं हूं। अपनी औकात पर आ गई तो तुम लोगों का क्या हश्र करुंगी, किसी के बाप ने भी नहीं सोचा होगा। मैं मात्र दो दिन चुप हूं। तुम लोग गाड़ी में क्या कर रहे थे, कार्ड कब बंटेंगे। मैं पार्टी-पार्टी नहीं देखूंगी। तू मेरी बात को रिकॉर्ड कर ले और चाहे प्रदेश अध्यक्ष state president को बता दे या मुख्यमंत्री (Chief Minister) को। मैं अगर हारी न... तो पार्टी-वार्टी कुछ नहीं देखूंगी, रोड पर लाकर इतना मारूंगी कि लोग थूकेंगे भी नहीं तेरे पर। समझ ले ये लास्ट शब्द हैं मेरे।
दबंगई और खुली चेतावनी से भरे ये शब्द हैं बीजेपी से डिंडोरी में लगातार चौथी बार जिला पंचायत अध्यक्ष (Zilla Panchayat President) बनने जा रहीं ज्योति प्रकाश धुर्वे (Jyoti Prakash Dhurve) के। जिस पर वे अपनी दबंगई बरसा रही हैं, वे डिंडेारी से बीजेपी के ही पार्षद बताए रहे हैं, नाम है आशीष वैश्य (Ashish Vaish)। दोनों के बीच हुई बातचीत का ऑडियो (Audio) पूरे क्षेत्र में जमकर वायरल हो रहा है। यह ऑडियो जिले में बीजेपी नेताओं के बीच मची खींचतान को भी उजागर कर रहा है। ज्योति धुर्वे बीजेपी प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्री रहे ओमप्रकाश धुर्वे की पत्नी (Wife of omprakash dhurve) हैं। धुर्वे वर्तमान में राष्ट्रीय संगठन में मंत्री हैं, वे 2018 में चुनाव हार गए थे। धुर्वे आज भी जिले में पार्टी का आधार माने जाते हैं। ज्योति धुर्वे भी क्षेत्र में पार्टी का बड़ा चेहरा हैं और इस बार भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत चुकी हैं और अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार हैं। चुनावों के बीच वायरल हो रहा उनका ऑडियो भोपाल तक हलचल मचा रहा है। प्रदेश संगठन तक इसे लेकर शिकायत हो चुकी है।
पार्टी में भितरघात का परिणाम
यह ऑडियो पंचायत चुनावों में किए जा रहे भितरघात को उजागर कर रहा है। भितरघात के प्रमाण मिलने के बाद धुर्वे इतनी तमतमा गईं कि वे सामने वाले को चेतावनी देने से भी नहीं चूकीं कि मैं पार्टी-वार्टी भी नहीं देखूंगी। मेरी बात रिकॉर्ड कर ले और तू प्रदेश अध्यक्ष को बता दे या मुख्यमंत्री को बता दे। अब मैं रोड पर लाकर इतना मारूंगी कि, जिसके बाप में दम है मुझे हार कर दिखा दे। मैं खुला चैलेंज कर रही हूं। मैं स्प्ष्ट बोलती हूं और साफ बोलती हूं। मैं इतने दिन से चुप थी। अब मेरे पास प्रमाण आया है। मुझसे दो दिन और चुप रहने को कहा गया था, लेकिन आज मेरे पास प्रमाण आया है तो बोल रही हूं। वायरल ऑडियो में धुर्वे किसी अवध, वीरू केसवानी और पंकज पर भी पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने समझाने की बात करती रहीं। साथ ही उन्होंने बताया कि कौन, कब कहां किसके साथ बैठा था, और अब कार्ड लेकर गाड़ी कहां जाने वाली है, इसका भी उन्होंने खुलकर जिक्र किया है। युवक भी अपनी सफाई देते हुए आडियो में कह रहा है कि इस मामले में अवध, वीरू व पंकज शामिल हैं, वह नहीं।
अपनी बेगुनाही बताते हुए गलती पूछता रहा पार्षद
पूरी बातचीत में वह युवक धुर्वे से अपनी गलती ही पूछता रहा। साथ ही कई बार उसने कहाकि वह तीन दिन से था ही नहीं, डिंडोरी में था। इसके साथ ही उसने यह भी कहा कि मैं नहीं हूं उसमें। गलत इंफार्मेशन है आपको। युवक ने इस मामले में अपने न होने का हवाला भी दिया। अंत में भी उसने कहाकि मैं डिंडोरी में हूं, मैं हूं ही नहीं भाभी, मैं एक सप्ताह से समनापुर से दूर हूं।
इस तरह चला धमकियों का सिलसिला
कॉल शुरू होते ही पहली आवाज युवक की है वह पूछता है कि हम कर क्या रहे हैं? इसके साथ ही शुरू होती है महिला की आवाज में धमकियों की बारिश।
- मैं अगर रोड पर लाकर मारी न तेरा बाप भी नजर आ जाएगा, मैं अपनी औकात पर आ गई तो। मैं धुर्वे जी नहीं हूं।
- मैं पार्टी-वार्टी नहीं देखूंगी, इतने जूते मारूंगी रोड पर कि सुधर जाओग तुम लोग। पंकज से भी कह दे।
- मैं मात्र दो दिन चुप हूं, दो दिन बाद क्या हश्र करुंगी, तुम्हारे बाप ने भी नहीं सोच रखा होगा।
- जो तुम चार लोग घूम रहे हो न, मेरी बात को रिकॉर्ड कर ले, मेरे पास प्रमाण् आया है आज जब वीरू ने पंकज से बात की है कि किसकी गाड़ी से जाओगे, किसको कार्ड कितने बजे बंटेंगे।
- अब मैं रोड पर मारुंगी, जिसके बाप में दम है मुझे हरा कर बता दे। मैं तुझे चैलेंज कर रही हूं।
- पंकज को बता दे, उलटे दिन गिनना शुरू कर दे। साले, सारे घोटाले खोल दूंगी कि 16—16 हजार की लाइट लाया हैं न, सब खोल दूंगी। सड़क पर वो हाल करुंगी कि कोई थूकेगा भी नहीं।
द सूत्र को दी ये सफाई
पहले ये लोग मुझे जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में हराने में जुटे थे, मैं जीत गई तो अब अध्यक्ष नहीं बनने देना चाहते। परिस्थितियां ऐसी बना दी कि कोई भी महिला हताश हो जाएगी। कोई भी आडियो को बार-बार सुनेगा तो समझ जाएगा कि महिला ने कितनी हताश हो गई है कि ऐसे शब्द बोले होंगे। इसी हताशा में मैंने प्रदेश अध्यक्ष व सीएम को लेकर भी बोल दिया। मैं पार्टी की अनुशासित कार्यकर्ता हूं, पूरे प्रमाण के साथ प्रदेश संगठन से मिलूंगी। जो यह आडियो अब वायरल किया गया है उससे साबित हो रहा है कि ये लोग मुझे अध्यक्ष बनने से रोकना चाहते हैं। मुझे नुकसान पहुंचाने के लिए ये लोग कांग्रेस का सपोर्ट कर रहे हैं। आशीष ने स्वीकार भी किया है कि मुझे हराने में लगे हैं। उन्होंने अपने सपोर्ट वाला आधा आडियो जारी किया है। मैं संगठन को पूरी बातचीत का रिकॉर्ड दूंगी। अभी तक सभी नेता व्यस्त थे इसलिए शिकायत नहीं की। चुनाव के बाद जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत और प्रदेश के नेताओं से मिलकर प्रमाण दूंगी।
मुझे कोई कमेंट्स नहीं करना- आशीष
वहीं नगर परिषद के पार्षद आशीष वैश्य ने इस मामले में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। अपनी आवाज, डांटने की वजह और घोटालों से जुड़े सवालों पर वे यह ही बोलते रहे कि इस मामले में कोई कमेंट्स नहीं करना चाहता।